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प्रदूषण पर करो प्रहार, जब विराट कोहली ने कहा- मुझे फर्क पड़ता है

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि प्रदूषण का सामना करने के लिए सबको एकजुट होने की जरूरत है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 04:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Nov 2017 10:42 PM (IST)
प्रदूषण पर करो प्रहार, जब विराट कोहली ने कहा- मुझे फर्क पड़ता है
प्रदूषण पर करो प्रहार, जब विराट कोहली ने कहा- मुझे फर्क पड़ता है

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में घटा है। लेकिन अब भी पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर मानकों से ज्यादा है। इस सच्चाई के साथ हम हर रोज इस उम्मीद के साथ आगे बढ़ते हैं कि अब शायद आबोहवा में सुधार होगा। सरकारों की नाकामी कहें या लोगों की बेरुखी सच ये है कि प्रदूषण लोगों की जिंदगी में वो जहर घोल रहा है, जिससे निपटने के लिए बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली न केवल लोगों को सुझाव देते हैं बल्कि आगाह भी करते हैं कि फर्क पड़ता है।

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लोगों को आगाह करते हुए वो कहते हैं कि आप सभी दिल्ली की आबोहवा के बारे में बात कर रहे हैं। आप सभी लोग नाकामियों को गिना रहे हैं। लेकिन सोचने की जरूरत है कि प्रदूषण से निपटने के लिए हम क्या कर रहे हैं। सच तो ये है कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। अगर प्रदूषण के खिलाफ जंग जीतनी है तो हमें मिलकर खेलना होगा। इसलिए मेरी अपील है कि आप सभी लोग एक साथ आएं और जितना हो सके प्रदूषण के खिलाफ जंग में साझेदारी करें। वो लोगों से अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बसों का इस्तेमाल करें, मेट्रो का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि लोगों को शेयर्ड कैब जैसे ओला का भी इस्तेमाल करना चाहिए।  अगर हम सभी लोग हफ्ते में एक दिन भी ऐसा करेंगे तो यकीनन स्मॉग के कहर से निपटने में आसानी होगी।

 

प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में न केवल क्रिकेट जगत के लोग सामने आए बल्कि बॉलीवुड भी सामने आया है। मशहूर अभिनेता अर्जुन कपूर ने कहा कि आप देख सकते हैं कि विराट कोहली जो दिल्ली में पले-बढ़े हैं किस तरह से कह रहे हैं कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सबको मिलजुल कर काम करने की जरूरत है। 

पेप्सी का विज्ञापन करने से किया था मना
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने खुद को सामाजिक सरोकार से जुड़ा युवा आइकन की पहचान बनाने के लिए शीतल पेय पदार्थ पेप्सी और फेयरनेस (गोरा बनाने वाली क्रीम) के एक उत्पाद के प्रचार करने से मना कर दिया था। इसके साथ ही कोहली ने कहा था कि अगर वो खुद ही ये चीजें नहीं खा-पी सकते, तो सिर्फ अपनी कमाई के लिए लोगों से इन्हें इस्तेमाल करने के लिए कैसे कह सकते हैं। कोहली के साथ काम कर चुके एक शख्स बताते हैं कि विराट के इस फैसले का सबसे बड़ा असर पेप्सी पर पड़ेगा, जिसका प्रचार वह 2011 से कर रहे थे। पेप्सी के साथ कोहली का छह साल पुराना करार इस साल अप्रैल में खत्म हुआ, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह लोगों से ऐसे उत्पाद का सेवन करने के लिए नहीं कह सकते जो वह खुद नहीं लेते हैं। कोहली के विज्ञापनों की प्रबंध करने वाली कॉर्नरस्टोन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, लेकिन भारतीय कप्तान के साथ करीब से काम करने वाले ने बताया कि कोहली अपने सामाजिक सरोकार को लेकर ज्यादा संजीदा हो गए हैं।
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