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भारत-अमेरिका रिश्तों का नया दौर, अफगान से लेकर रक्षा सौदों पर चर्चा

भारत और अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। इसके तहत अब दोनों देशों के बीच साझा सैन्य अभ्यास बढ़ाए जाएंगे

By Subodh SarthiEdited By: Published: Tue, 26 Sep 2017 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 01:53 PM (IST)
भारत-अमेरिका रिश्तों का नया दौर, अफगान से लेकर रक्षा सौदों पर चर्चा
भारत-अमेरिका रिश्तों का नया दौर, अफगान से लेकर रक्षा सौदों पर चर्चा

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जेम्स मैटिस के साथ द्विपक्षाय वार्ता की। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा और अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। दोनों देशों के साझा बयान में आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप अपनाने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई।

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आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई
अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में हो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वैश्विक स्तर पर भारत और अमेरिका साथ मिलकर आतंकवाद के खतरों से निपटने का साहस रखते हैं। उनकी ओर से भारत के साथ अत्याधुनिक तकनीक साझा करने की बात कही गई। उन्होंने अफगानिस्तान में भारतीय योगदान की सराहना की और वहां लोकतंत्र निर्माण व सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने का स्वागत किया। उन्होंने हिंद महासागर में भारतीय नेतृत्व को सराहा और इस क्षेत्र में मिलकर कार्य करने की बात भी कही।

भारत का अफगानिस्तान में फौज भेजने से इनकार
निर्मला सीतारमण ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि भारत की ओर से अफगानिस्तान के विकास में योगदान जारी रखेगा, जिसके तहत बांध निर्माण, मेडिकल सहायता, स्कूल निर्माण, प्रशानिक ट्रेनिंग और सैन्य ट्रेनिंग दी जाएगी। हालांकि भारत की ओर से अफगानिस्तान में भारतीय फौज भेजने से इनकार किया गया। कहा गया कि भारत की ओर से अफगानिस्तान को तीन बिलियन डॉलर की आर्थिक दी गई है। इसके साथ ही मिलिट्री ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका मजबूत व वाइब्रेंट स्ट्रैटजिक पार्टनर के रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं। कहा गया कि दोनों देशों में पिछले कुछ वर्षों में रक्षा सहयोग बढ़ा है। अमेरिका मौजूदा समय में भारत का सबसे बड़ा रक्षा उपकरण सप्लाई करने वाला देश है।

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य अभ्यास बढ़ाने पर जोर
भारत और अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। इसके तहत अब दोनों देशों के बीच साझा सैन्य अभ्यास बढ़ाए जाएंगे और रक्षा तकनीक के हस्तानांतरण में भी तेजी लाई जाएगी। दोनों नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की आज़ादी पर खासा ज़ोर दिया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका का कोई मंत्री भारत आया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मुलाकत करेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस के भारत दौरे से अहम रक्षा समझौते पर मुहर लग सकती है।

उत्तर कोरिया पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश
अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने उत्तर कोरिया के मुद्दे पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एकमत से उत्तर कोरिया के मुद्दे पर कूटनीतिक और आर्थिक तरीके से दबाव बनाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के किसी भी तरह के उकसावे का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप बहुत स्पष्ट हैं। भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय वार्ता में वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की गई। कहा गया कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच चर्चा हुई।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने Jagran.Com से बातचीत करते हुए बताया कि यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों पर सख्त करवाई की ज़रूरत है। अमेरिका को पाकिस्तान पर प्रतिबन्ध लगाने चाहिए। यदि अमेरिका पाकिस्तान को हथियार देना बंद कर दे तो पाकिस्तान की सेना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान को मिलने वाले हथियारों का बड़ा हिंसा अमेरिका से आता है। पाकिस्तान में आने वाले दिन और बुरे हो सकते हैं। पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं। पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान दोनों देशों में आतंकवादी गतिविधियों को पनाह दे रहा है।

भारत और अमेरिका के बीच होने वाले रक्षा समझौते
मैटिस के भारत दौरे में निगरानी और खुफिया सूचना इकट्ठा करने में मुस्तैद 22 अमेरिकी गार्डियन ड्रोन की खरीददारी के सौदे पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। दो से तीन अरब डॉलर की कीमत वाले 22 गार्डियन ड्रोनों की बिक्री संबंधी सौदे की औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है। मैटिस के दौरे में एफ-16 लड़ाकू विमान को लेकर समझौता होने की संभावना है। इसकी खरीददारी को लेकर काफी पहले से चर्चा हो रही है। हालांकि अभी समझौता अंजाम तक नहीं पहुंच सका है। अमेरिकी रक्षा कंपनी की ओर से भारतीय वायुसेना को एफ-16 लड़ाकू विमान का उन्नत वर्जन एफ-16 ब्लॉक 70 की बिक्री का ऑफर दिया गया है। विमानों की उत्पादन यूनिट को टाटा के साथ मिलकर भारत में स्थापित किया जाना है, जबकि इसकी असेंबलिंग टेक्सास में होगी। इसके साथ ही प्रीडेटर या MQ-9B गार्डियन ड्रोन देने, डीटीटीआई के तहत पांच अलग-अलग तरह के हेलिकॉप्टर बनाने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
 


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