ये है अनोखा चाइल्ड अस्पताल, जहां कैश काउंटर नहीं है
चलिए, आपको ले चलते हैं भारत के पहले शिशु हृदय सेवा केंद्र, जहां कैश काउंटर नहीं है... पैसों का कोई लेन-देन नहीं होता, सारी सुविधा नि:शुल्क है।
रायपुर, प्रशांत गुप्ता। नया रायपुर का श्रीसत्य साईं संजीवनी अस्पताल...चलिए सबसे पहले कैश काउंटर तो देख लें, डॉक्टर की फीस कितनी है पूछ लें... मगर यह क्या? यहां तो कैश काउंटर ही नहीं बना है। बिल्कुल सही, बच्चों के इस हार्ट अस्पताल में किसी मरीज से फीस या ऑपरेशन का खर्च ही नहीं लिया जाता। यह अस्पताल देश की सीमा से बाहर, चाहे वह दोस्त हो या दुश्मन देश, वहां के बच्चों का भी सहर्ष मुफ्त इलाज करता है।
भारत- पाकिस्तान के बीच तनाव कभी खत्म नहीं होता, सीमा पर बंदूकें तनी रहती हैं। इस तनाव केबीच यह अस्पताल पाकिस्तान के बच्चों के दिल के छेद भर रहा है। इनके लिए सेवा ही धर्म है और इलाज मजहब। अब तक 9 पाकिस्तानी बच्चों की सर्जरी हो चुकी है, और वेटिंग में है। देश, विदेश के उन माता-पिता के लिए किसी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर से कम नहीं, जहां उनके बच्चों को जीवनदान मिलता है। दिल के छेद बगैर कोई शुल्क लिए भर दिए जाते हैं। इलाज का पूरा खर्च अस्पताल प्रबंधन वहन करता है। यही वजह है कि दुश्मन मुल्क पाकिस्तान हो या अन्य देश के बच्चे, जिनके अपनों के पास इलाज के लिए 2-5 लाख रुपए नहीं होते हैं, वे छत्तीसगढ़ के इस अस्पताल की तरफ दौड़ लगाते हैं। 2014 से आज तक 3922 दिल की सर्जरी हो चुकी है। हाल ही में कैथलैब यूनिट भी स्थापित की गई है, जहां एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी भी शुरू हो चुकी है।
2014 में अस्पताल में पहली सर्जरी हुई। उसके बाद तो हर महीने 100 सर्जरी का सिलसिला चल पड़ा। 2015 में जहां 1 हजार बच्चों के दिल के छेद बंद किए गए, वहीं 2016 में 1224 और 2017 में अब तक ये आंकड़ा 1100 जा पहुंचा है। श्रीसत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट, बेंगलुरू द्वारा अस्पताल संचालित किया जा रहा है। भारत में ट्रस्ट के हृदय रोग से संबंधित 4 अस्पताल हैं, नवी मुंबई और हरियाणा में नए अस्पताल का निर्माण जारी है।
16 साल तक बच्चों का इलाज-
यह अस्पताल बच्चों और किशोरों के लिए है, जहां 0-16 साल तक के बच्चों के सिर्फ दिल का इलाज किया जाता है। मरीजों को निश्चित तारीख दी जाती है। सभी टेस्ट करवाए जाते हैं और फिर सर्जरी की जाती है। 2-3 दिन में छुट्टी दे दी जाती है। जाते-जाते लोग डॉक्टर्स, अस्पताल प्रबंधन को दुआएं देकर जाते हैं।
रोजाना मरीजों के नाम पर होती है प्रार्थना
अस्पताल का अपना प्रोटोकॉल है, जो पूरी तरह से भारतीय संस्कृति पर आधारित है। इसके तहत जिन भी मरीजों का इलाज होना है, उनके लिए रोजाना प्रार्थना होती है। बाकायदा एक दिन पहले मरीजों के नाम जारी किए जाते हैं। इस प्रार्थना में मरीज, उनके परिजन, डॉक्टर और स्टाफ सभी शामिल होते हैं।
देशभर के मरीज पहुंचते हैं
भारत-पाकिस्तान के बीच हर वक्त तनाव बना रहता है, इसके बावजूद नया रायपुर के इस अस्पताल में दुनिया किसी देश के मरीजों की सबसे ज्यादा सर्जरी हुई है तो वह है पाकिस्तान। अब तक 15 मरीजों का जांच के साथ 9 की सर्जरी हो चुकी है। इसके बाद बांग्लादेश, नेपाल, फिजी, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाइबेरिया, नाइजीरिया के मरीज शामिल हैं। विदेश के 131 मरीजों की जांच हुई और 66 सफल सर्जरी की गई है।
ऐसे करें संपर्क
परिजन अस्पताल के मोबाइल नं. 94242-07140, 0771-2970325 पर सीधे संपर्क कर इंक्वायरी (पूछताछ) कर सकते है, इसके और अधिक जानकारी के लिए श्रीसत्यसाईं संजीवनी वेबसाइट पर जाकर भी जानकारी ले सकते हैं।
नाइजीरियन दंपति की इकलौती संतान की बची जान
नाइजीरियन दंपति की इकलौती संतान का जब सत्य साई संजीवनी अस्पताल में दिल में छेद का सफल ऑपरेशन हुआ तो वे इतने भाव-विभोर हो गए। उन्होंने संकल्प लिया कि मौका मिला तो मैं परिवार के साथ यहां रहकर मरीजों की सेवा करूंगा, वापस नाइजीरिया नहीं जाऊंगा। निर्माण विभाग में गुणवत्ता नियंत्रक इंजीनियर एंड्रू और उनकी पत्नी जेल कर्मी ओदौगो की इकलौती संतान 6 वर्षीय एक्लेक्जेंडर एलेक्स के दिल में छेद था। इसके इलाज के लिए नाइजीरिया में कई अस्पतालों में चिकित्सकों से सम्पर्क किया, लेकिन महंगे इलाज का खर्च वहन करने में वे असमर्थ थे।
किसी तरह इन्हें जानकारी मिली कि भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्थित सत्य साई संजीवनी अस्पताल में दिल में छेद का इलाज नि:शुल्क किया जाता है। इसके बाद वे यहां आए। एंड्रू ने बताया कि नाइजीरिया में सरकारी पीडियाट्रिक कार्डियक हॉस्पिटल नहीं है। जरूरत पडऩे पर कैंप लगाकर अमेरिका और भारत से डॉक्टरों को बुलाकर दिल की सर्जरी कराई जाती है। कहा कि सौभाग्यवश मेरी मुलाकात नाइजीरिया की एक महिला डॉक्टर से हुई, जो वहां प्राध्यापक हैं। उन्होंने श्रीसत्य साई संजीवनी अस्पताल के शिशु कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अतुल प्रभु के साथ पढ़ाई की थीं। उनके साथ पूरी बातचीत के बाद लेडी डॉक्टर ने मुझे यहां आने की सलाह दीं। मुझे वीजा, हवाई यात्रा के आने-जाने के लिए जमीन बेचनी पड़ी, पैसे की तंगी के कारण अकेले आना पड़ा। अगर इस अस्पताल की जानकारी न मिली होती तो इलाज के लिए सारी जायदाद बेचनी पड़ती।
सुविधाएं अपग्रेड की जा रही हैं
मरीज किसी भी प्रदेश, देश का हो अगर वह श्रीसत्य साई अस्पताल आ रहा है तो इलाज मिलेगा, इसी उद्देश्य के साथ अस्पताल की स्थापना की गई थी। समय-समय पर सुविधाएं अपग्रेड की जाती हैं। यह अस्पताल नहीं एक मंदिर है।
-अजोय श्रॉफ, प्रवक्ता, श्रीसत्य साईं संजीवनी अस्पताल, नया रायपुर
फैक्ट फाइल
आज की स्थिति में देशभर के मरीजों का इलाज
ओपीडी- 19014, ऑपरेशन- 3922
छत्तीसगढ़ के मरीजों का इलाज
ओपीडी- 6350, ऑपरेशन- 977
- एक महीने में होते हैं 100 से अधिक ऑपरेशन
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