Move to Jagran APP

क्या इस तरह के बच्चे को नहीं मिलेगा अपने पिता की संपत्ति पर हक़

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि वन नाइट स्टैंड या एक महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध हिन्दू मैरिज कानून के अंतर्गत नहीं आता है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 12 Jun 2017 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jun 2017 07:47 PM (IST)
क्या इस तरह के बच्चे को नहीं मिलेगा अपने पिता की संपत्ति पर हक़
क्या इस तरह के बच्चे को नहीं मिलेगा अपने पिता की संपत्ति पर हक़

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। देश में एनडी तिवारी जैसे कई मामले सामने आए है जब अपने सगे पिता ने बच्चे को अपना मानने से इनकार कर दिया। ऐसे मे एक बेटे के लिए कोर्ट के अलावा कोई और दूसरा चारा नहीं होता है जहां पर वह डीएनए टेस्ट की मांग कर अपने दावों को पुख्ता करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उससे ऐसे बच्चों को बड़ा झटका लग सकता है।

loksabha election banner

वन नाइट स्टैंड नहीं है शादी

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि वन नाइट स्टैंड या एक महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध हिन्दू मैरिज कानून के अंतर्गत नहीं आता है। जस्टिस मृदुला भटकर ने आगे कहा कि ऐसे में अगर दोनों के बीच शादी नहीं होती है और अगर दुर्घटनावश या फिर इच्छा से कोई संतान पैदा होता है तो उस बच्चे का पिता की संपत्ति में किसी तरह का कोई भी अधिकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि महिला-पुरुष के संबंध को शादी कहे जाने के लिए पारंपरिक रीति-रिवाज या फिर कानूनी प्रक्रिया के तहत शादी करना जरूरी होता है।

हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 16 नहीं देती इजाजत

अदालत ने इस बात की ओर इशारा करते हुए कहा कि हिन्दू मैरिज एक्ट इस तरह के संबंधों को शादी की मान्यता नहीं देती है। हालांकि, उन्होंने यह माना कि समाज बदलाव के दौर से गुजर रहा है। जस्टिस भटकर ने आगे कहा, ‘कुछ देशों में होमोसेक्सुअल युनियन्स को शादी के तौर पर स्वीकार किया गया है। इसीलिए, लिव-इन रिलेशनशिप और इस संबंध से पैदा होनेवाले बच्चे भी कानूनी जानकारों के लिए बड़ी चुनौती है। साथ ही इसने कानूनी जानकारों के लिए शादी के रूप में परिभाषित किए जाने की चुनौती पेश कर दी है।’

बॉम्बे हाईकोर्ट पर कानूनी जानकारों की राय बंटी

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब सवाल उठता है कि क्या वन नाइट स्टे से पैदा होनेवाले बच्चे जो अवैध कहलाते हैं क्या उनका अपने जैविक पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा? इस बारे में कानूून के जानकारों की राय पूरी तरह से बंटी हुई नज़र आ रही है। Jagran.com से ख़ास बातचीत में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता मुरारी तिवारी ने बताया कि अगर यह साबित हो जाता है कि कोई बच्चा उस पिता का है चाहे वह इलैजिटिमेट (अवैध) ही क्यों ना ही, ऐसे में उस बच्चे का अपने पिता की संपत्ति पर कानूनी अधिकार जरूर होगा। मुरारी तिवारी ने आगे बताया कि कोई पिता इसलिए अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता है क्योंकि वह उसका बच्चा अवैध है।

जबकि, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के.टी.एस तुलसी ने Jagran.com से बताया कि वह बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के वह पूरी तरह से पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि शादी एक पवित्र रिश्ता है जबकि कैजुअल रिलेशन में अगर बच्चा होता है तो उसे किसी सूरत में अपने पिता की संपत्ति में कानूनी तौर पर अधिकार नहीं मिलेगा। केटीएस तुलसी ने कहा कि एक शख्स अगर कई लोगों से संबंध बनाता है तो उससे हुए बच्चे का अपने जैविक पिता की संपत्ति में कोई कानून हक़ नहीं बनेगा।

 यह भी पढ़ें: इस चेहरे को तो पहचानते ही होंगे, कहां और कैसा है ये बच्‍चा, जानते हैं आप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.