नॉर्थ कोरिया, रूस या सीरिया नहीं, ये है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का सबसे बड़ा दुश्मन
आपको लगता होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का ध्यान सबसे ज्यादा दुश्मन देशों या फिर अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर लगा रहता होगा..लेकिन ऐसा है नहीं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के कई दुश्मनों में सबसे आगे नॉर्थ कोरिया (57%) है, उसके बाद इरान (41%), सीरिया (32%), इराक (29%) और रूस (22%) का नंबर आता है। अमेरिका के इन टॉप-5 दुश्मनों को देखकर आपको ऐसा जरूर लगता होगा कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान भी इन्हीं देशों या फिर अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर लगा रहता होगा..लेकिन ऐसा है नहीं। उनके ट्वीट और तमाम टीवी इंटरव्यू देखकर तो ऐसा कतई नजर नहीं आता।
- कौन है अमेरिकी राष्ट्रपति का सबसे बड़ा दुश्मन?
अगर डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर अकाउंट पर नजर डालें तो ज्यादातर संदेशों में उनका गुस्सा सिर्फ और सिर्फ मीडिया पर बरसता नजर आता है। हां, ये कह सकते हैं कि ज्यादातर राष्ट्रध्यक्ष अपने ट्विटर अकाउंट पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश के दुश्मनों का जिक्र नहीं करते, लेकिन ट्रंप के टीवी इंटरव्यू भी इस बात के गवाह हैं कि राष्ट्रपति बनने से लेकर अब तक उनका गुस्सा और नजरिया एकतरफा ही रहा है, मीडिया के प्रति। आइए हम उनके कुछ ताजा ट्वीट्स आपको दिखाते हैं..
Fake News is at an all time high. Where is their apology to me for all of the incorrect stories???— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 13, 2017
The Fake News Media has never been so wrong or so dirty. Purposely incorrect stories and phony sources to meet their agenda of hate. Sad!— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 13, 2017
I believe the James Comey leaks will be far more prevalent than anyone ever thought possible. Totally illegal? Very 'cowardly!'— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 11, 2017
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 11, 2017
- ये है ट्रंप का दुश्मन नंबर.2 !
वैसे सिर्फ मीडिया ही नहीं, एक चीज और ऐसी है जिसको लेकर ट्रंप हमेशा से ही नकारात्मक विचार अपनाए हुए हैं और आए दिन उनके ट्वीट व बयान इस चीज पर वार करते हुए नजर आते हैं। उनका ये दूसरा दुश्मन है 'ओबामाकेयर'। अमेरिका में 23 मार्च 2010 को 'पेशेंट प्रोटेक्शन एंड एफोर्डेबल केयर एक्ट' को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हरी झंडी दी थी। इसे बाद में ओबामाकेयर के नाम से बुलाया जाने लगा। इसके तहत अस्पतालों व डॉक्टरों (फिजीशियन) को आर्थिक और तकनीकी रूप से अपने काम में तब्दीली लाने का आदेश हुआ था। ताकि कम पैसों में लोग बेहतर मेडिकल सुविधाओं का फायदा उठा सकें और इसका प्रभाव ज्यादा से ज्यादा स्थानों तक पहुंच सके। हालांकि ट्रंप के हिसाब से ओबामाकेयर कहींं से भी सफल होता नजर नहीं आया है और आए दिन वो इसकी आलोचनाएं करते नजर आतेे रहते हैं।
2 million more people just dropped out of ObamaCare. It is in a death spiral. Obstructionist Democrats gave up, have no answer = resist!— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 13, 2017
The Democrats have no message, not on economics, not on taxes, not on jobs, not on failing #Obamacare. They are only OBSTRUCTIONISTS!— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 11, 2017
- पुरानी है खुन्नस, पहले भी रहे हैं ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने जब राष्ट्रपति बनने की ओर पहला कदम बढ़ाया था, तभी से उनके और मीडिया के बीच तनातनी बनी हुई थी। उनकी कई नीतियों के खिलाफ अमेरिकी मीडिया में सवाल उठाए गए जिसे ट्रंप ने सीधे अपने ऊपर हमले के तौर पर ले लिया। इसके बाद से उनके हर इंटरव्यू और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कभी न कभी एक ऐसा क्षण जरूर आया जब उन्होंने मीडिया को लेकर तंज कसे और उसकी आलोचना की। वैसे, इससे पहले भी कई ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति रहे हैं जिनके मीडिया से संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। थियोडर रूसवेल्ट हो या फिर फ्रेंकलिन रूसवेल्ट, मीडिया के साथ उनके संबंध हमेशा ही उतार-चढ़ाव भरे रहे। इस मामले में इनमें से सबसे आगे निकले अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन। 1960 में जब निक्सन पूर्व राष्ट्रपति केनेडी के खिलाफ एक टीवी डिबेट में हारे तो उन्होंने तय कर लिया कि वो मीडिया को अपनी तरह से नियंत्रित करेंगे। उन्होंने वाइट हाउस में एक टीम गठित की जिसका काम था अपने हित को देखते हुए इवेंट का चयन करना, अपने लोगों को ही दर्शकों के बीच बिठाना ताकि सब कुछ उनके पक्ष में रहे। इससे बाद में मीडिया के साथ उनके रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। आलम ये था कि उन्होंने रोजर एलियस को टीवी में खुद को पेश करने के लिए ट्रेनर के रूप में रखा। वही रोजर एलियस बाद में फॉक्स न्यूज के संस्थापक बने। निक्सन को हमेशा लगा कि मीडिया उनके खिलाफ रहती है। वो उस समय एकमात्र ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति रहे जिन्हें भारी विरोध के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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