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अय्याशी के चलते भी सुरक्षाबलों का निशाना बन रहे हैं जम्‍मू कश्‍मीर के आतंकी

जम्‍मू कश्‍मीर में मौजूद कुछ आतंकी समलैंगिक हैं तो वहीं कई लड़कियों को महज हवस मिटाने की चीज मानते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 05:35 PM (IST)
अय्याशी के चलते भी सुरक्षाबलों का निशाना बन रहे हैं जम्‍मू कश्‍मीर के आतंकी
अय्याशी के चलते भी सुरक्षाबलों का निशाना बन रहे हैं जम्‍मू कश्‍मीर के आतंकी

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। बीते कुछ माह में जम्‍मू कश्‍मीर में सुरक्षाकर्मियों ने जो रणनीति अपनाई है उसका असर अब साफतौर पर दिखाई दे रहा है। शनिवार और रविवार को शोपियां में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए हैं जबकि तीन अन्‍य घायल हुए हैं। आतंकियों को ढेर करने में सुरक्षाबलों को मिल रही कामयाबी की बड़ी वजह वहां से आने वाली इंटेलिजेंस रिपोर्ट के साथ यहां की स्‍थानीय महिलाएं भी हैं। दरअसल, एेसा इसलिए कहा जा रहा है क्‍योंकि बीते माह के दौरान जो बड़े आतंकी मारे गए हैं उनकी जानकारी उनकी क‍थित माशुकाओं ने ही सुरक्षाबलों को दी थी। इसमें पिछले वर्ष मारा गया बुरहान वाणी का नाम भी शामिल है। राज्‍य में शुरु हुए ऑपरेशन ऑल आउट के पीछे सुरक्षाबलों की खास रणनीति काम कर रही है।

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माशुकाएं बन रही मौत की वजह

बीते कुछ समय के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इन आतंकियों की कथित माशुकाएं ही इनकी मौत का कारण बनी हैं। हालांकि जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व डीजीपी एमएम खजुरिया इस बात से इंकार करते हैं कि सेना या खुफिया एजेंसियां आतंकियों की धर-पकड़ में लड़कियों का इस्‍तेमाल कर रही है। उनका कहना है कि आतंकी जिस राह पर हैं उसमें लड़कियों से खेलना उनकी हैबिट में शामिल हो जाता है। ऐसे में जब लड़की को पता चलता है कि आतंकी के किसी दूसरी के साथ भी संबंध हैं तो वह इसकी जानकारी लीक कर देती है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां उन्‍हें फायदे के लिए इस्‍तेमाल नहीं करती हैं।

सही दिशा में ऑपरेशन ऑलआउट

दैनिक जागरण डॉटकॉम से बात करते हुए उन्‍होंने राज्‍य में छेड़े गए ऑपरेशन ऑलआउट की तारीफ की और कहा कि इसकी दिशा सही है। इसके साथ ही उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकियों की सोच को खत्‍म करना बेहद जरूरी है। उनका यह भी कहना था कि दक्षिण कश्‍मीर में हालात काफी खराब हो चुके थे। यदि सुरक्षाबल अब भी इस पर नियंत्रण पाने के लिए कार्रवाई नहीं करते हुए यह पूरी तरह से बेकाबू हो सकते थे। पूर्व डीजीपी के मुताबिक सरकार और सेना को राज्‍य के आम लोगों के दिलों में अपनी जगह मजबूत करनी होगी। उन्‍हें इस बात का अहसास दिलाना होगा कि वह उनके साथ और उनकी रक्षा के लिए वहां पर मौजूद हैं।

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सुरक्षाबलों का जाल

आपको बता दें कि श्रीनगर में साल 1999 में लश्कर का कमांडर अबू तालहा इसलिए मारा गया था क्योंकि उसने एक लड़की को अपने झांसे में फंसाया था और लड़की के पिता ने इंटेलिजेंस ब्यूरो को इसकी जानकारी दे दी थी। वर्ष 2012 में सोपोर में मारा गया लश्‍कर का कमांडर अब्‍दुल्‍लाह उनी के मारे जाने के पीछे भी यही वजह थी। उसकी कई माशुका थीं। सुरक्षाबलों ने कई बार उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया था लेकिन हर बार वह बच जाता था।

250 से अधिक आतंकियों की लिस्ट

बाद में अपने अफयेर्स की वजह से वह खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया। बाद में उसकी गर्लफ्रेंड से मिली जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने उसको ढेर कर दिया। कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑलआउट के तहत सेना, सीआरपीएफ और एसओजी ने 250 से अधिक आतंकियों की लिस्ट बनाई है जिनमें से कई को ढेर किया जा चुका है। दरअसल, भाड़े के इन आतंकियों के लिए राज्‍य की महिलाएं अपनी वासना को मिटाने का जरिया भर हो गई है। पिछले दिनों मारा गया लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबू दुजाना इसका एक उदाहरण है। घाटी की लड़कियों के लिए यह परेशानी का सबब बन चुका था। इतना ही नहीं उसकी एक ही नहीं बल्कि कई गर्लफ्रेंड भी थीं। लेकिन अब इनमें समलैंगिक आतंकी भी शामिल हैं।

जुदाना समेत कई आतंकी थे अय्याश

हाल में मारे गए आतंकी अबू दुजाना ने जहां एक स्थानीय लड़की से शादी की थी वहीं एक अन्य लड़की के साथ उसके संबंध भी थे। जब सुरक्षाबलों ने उसका एनकाउंटर किया तो वह अपनी पत्नी के यहां नहीं, बल्कि अपनी कथित गर्लफ्रेंड के घर पर था। पिछले माह की शुरुआत में अनंतनाग में मारे गए आतंकी बशीर अहमद वानी भी समलैंगिक था। वहीं सोपोर का आतंकी दानिश डार और लश्कर का आतंकी जुनैद अहमद मट्टू अपनी कथित गर्लफ्रेंड के चलते मारे गए थे। दिसंबर 2015 से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही है। हिज्बुल का आतंकी उमर माजिद भी कुलगाम की एक लड़की के साथ इश्क लड़ा रहा है। माजिद कैशवैन लूट में शामिल था। इसके अलावा जनवरी में मारे गए आतंकी आदिल अहमद रेशी के श्रीनगर की एक विवाहित महिला के साथ संबंध थे।

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कई अन्‍य भी ऐसे ही

एक अखबार की खबर के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों के कम से कम 14 आतंकवादी ऐसे हैं जो इस तरह की अय्याशी में शामिल थे। इनमें से 8 आतंकियों को 26 दिसंबर, 2015 से लेकर 5 अगस्त, 2017 के बीच मार डाला गया, जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल हिज्बुल के आतंकी सयार वानी सुरक्षा बलों से छिपने के लिए के लिए कुलगाम में रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड के घर का सहारा लेता है। वहीं उसके यरीपोरा की एक लड़की के साथ भी संबंध हैं। इसके अलावा त्राल के मोहम्मद इशाक समलैंगिक हैं।


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