Move to Jagran APP

पाक की उलझी कहानी: एक बेटी, उसकी एक गलती और प्रधानमंत्री की विदाई

नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज की एक छोटी सी गलती नवाज शरीफ के लिए भारी पड़ गई। पनामागेट में पाक सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sat, 15 Jul 2017 04:28 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 11:21 AM (IST)
पाक की उलझी कहानी: एक बेटी, उसकी एक गलती और प्रधानमंत्री की विदाई
पाक की उलझी कहानी: एक बेटी, उसकी एक गलती और प्रधानमंत्री की विदाई

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । 1839 में मशहूर उपन्यासकार और नाटककार एडवर्ड बुलर लिटन ने ऐतिहासिक नाटक कार्डिनल रिकेलियेयू में लिखा कि तलवार से ज्यादा शक्तिशाली कलम होती है। लेकिन आज 21वीं सदी के डिजिटल युग में कहा जा सकता है कि अब तलवार से ज्यादा शक्तिशाली फॉन्ट है। आपको लग रहा होगा कि ऐसा क्या है कि बुलर लिटन के कथन का मूल भाव तो वही है। लेकिन पेन की जगह अब फॉन्ट ने ले लिया है। दरअसल इस सवाल का जवाब पाक पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज दे सकती हैं।

loksabha election banner

दस्तावेज और फॉन्ट का संबंध

पनामगेट के संबंध में जेआइटी को जो दस्तावेज सौंपे गए, उसके बाद हाल के दिनों में पाकिस्तान की राजनीति गरमा गई थी। आखिरकार यह मरियम की यह गलती नवाज शरीफ को भारी पड़ी और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोशी मानते हुए केस चलाने की बात कही। इसी के साथ उनकी प्रधानमंत्री की कुर्सी भी जाती रही। पाकिस्तान मीडिया के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ को देश का अगला पीएम बनाया जाएगा।

आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है? पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जेआइटी को मरियम शरीफ से जाली दस्तावेजों के जरिए गुमराह करने की कोशिश की थी। मरियम ने पनामागेट से संबंधित जो दस्तावेज भेजे थे वो कैलिबरी फॉन्ट में टाइप थे और 31 जनवरी 2007 के पहले के थे। जबकि कैलिबरी फॉन्ट 31 जनवरी 2007 से पहले व्यावसायिक प्रयोग के लिए उपलब्ध नहीं था। 

 कैलिबरी फॉन्ट का रोचक इतिहास

कैलिबरी फॉन्ट के चर्चा में आने का रोचक इतिहास है। इसमें रियल इटैलिक्स, स्माल कैप्स और मल्टीपल न्यूमरल सेट होता है। वार्म एंड सॉफ्ट कैलिबरी को 2004 में लुकास डी ग्रूट ने डिजाइन किया था। एमएस ऑफिस 2007 और विंडोज विस्टा के लांच के मौके पर कैलिबरी आम लोगों को 30 जनवरी 2007 को उपलब्ध हुआ। एमएस वर्ड में टाइम्स न्यू रोमन और माइक्रो सॉफ्ट पावर प्वाइंट, एक्सेल, आउट लुक और वर्डपैड में एरियल की जगह डिफॉल्ट के तौर पर कैलिबरी ने जगह ली। स्क्रीन पर दमदार दिखने वाली कैलिबरी फॉन्ट का एमएस ऑफिस के सभी वर्जन में 2016 तक इस्तेमाल में आती रही।

जेआइटी द्वारा संदेह जताए जाने के बाद सोशल मीडिया में मरियम नवाज शरीफ की जमकर आलोचना हुई। एक ट्विटर यूजर ने जेआइटी के बयान के स्क्रीन शॉट भी लगाए जिस पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। 

 

नवाज की पार्टी ने जेआईटी को बताया षड़यंत्र

जिस समय फॉन्ट को लेकर यह पूरा बवाल खड़ा हुआ उस समय नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) ने इस पूरे मामले को एक षड़यंत्र करार देने और पूरे पाकिस्‍तान में इसका प्रचार-प्रसार करने की बात कही थी। पार्टी का कहना था कि जेआईटी द्वारा कुछ नेता नवाज शरीफ को बदनाम करने की साजिश है। इसका मकसद उन्‍हें सत्ता से हटाकर खुद इस पर काबिज होना है। लिहाजा पार्टी ने न्‍यायपालिका और पनामागेट को छोड़कर जेआईटी पर निशाना साधा। इसको लेकर पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को भी कहा गया कि वह घर-घर जाकर इसका प्रचार करें कि यह सब एक षड़यंत्र के तौर पर किया जा रहा है। पार्टी की तरफ से पहले ही यह भी साफ कर दिया गया था कि वह हर हाल में सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।

मरियम को भी जेआईटी ने बनाया आरोपी

सत्ता की उत्तराधिकारी कही जाने वाली नवाज की बेटी मरियम शरीफ को पनामा पेपर्स कांड में आरोपी बनाया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, मरियम ने परिवार की विदेशी संपत्ति और कंपनी के बारे में जानकारी छिपाई थी। पनामा पेपर्स मामले की जांच कर रहे छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (JIT) ने सत्तारूढ़ परिवार के खिलाफ झूठी गवाही, आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाया। जेआइटी के अनुसार, 15 जून को जांचकर्ताओं के समक्ष अपनी पेशी के दौरान अधिकतर सवालों का संतोषजनक जवाब देने में शरीफ असफल रहे थे। मरियम ने आरोप लगाया है कि पनामा पेपर लीक मामले में कई और कंपनियां फंसी हैं लेकिन जेआईटी सिर्फ सत्ताधारी परिवार के खिलाफ ही गठित की गई है।

शाहबाज को सौंपी जा सकती है पाकिस्‍तान की कमान

कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं कि शरीफ के सत्ता से हटने की सूरत में कमान उनके भाई शाहबाज शरीफ को सौंपी जा सकती है। इसकी वजह यह भी है कि पिछले दिनों उन्‍होंने नवाज के नेतृत्‍व में जिस हाई-लेवल मीटिंग में शिरकत की, उसके बाद से इस तरह के कयास बढ़ गए हैं। पार्टी यह भी कह रही है कि शाहबाज पूरी तरह से नवाज के साथ हैं और काफी संभलकर कदम रख रहे हैं। लेकिन इन सभी के बीच एक बड़ा सवाल यह भी है कि नवाज की इस पसंद को पार्टी के अंदर कितने लोग मानेंगे। इसके अलावा दूसरा सवाल यह भी है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्‍तान की राजनीति किस तरफ जाएगी। हालांकि नवाज श्‍ारीफ की बेटी मरियम ने ट्विटर पर कहा था कि उनके पिता पीएम पद से इस्‍तीफा नहीं देंगे।

यह भी पढ़ें: शाहबाज और मरियम नहीं बल्कि पाक पीएम के तौर पर इन नामों की चर्चा तेज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.