सिर्फ चार घंटे में तबाह हो गए थे आतंकी ठिकाने, आज भी खौफ में है पाकिस्तान
एक साल पहले पाकिस्तान की जमीन से भारत में आतंकवाद फैलाने वाले आतंकी संगठनों के ठिकानों को भारतीय फौज ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए तबाह किया था।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय फौज दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक है। फौज ने अपनी काबिलियत को दुनिया के सामने दिखाया भी है। 28-29 सितंबर 2016 की रात भारतीय फौज एक अहम मिशन को अंजाम दे रही थी। पाकिस्तान की सरपरस्ती में फलने-फूलने वाले आतंकी संगठनों के ठिकानों पर चीते की चाल से तेज और बाज की दृष्टि से भी सटीक ढंग से भारतीय सेना ने हमला किया। भारतीय सेना के कमांडों का मकसद बिल्कुल स्पष्ट था। आतंकियों के ठिकानों को तबाह करना। 29 सितंबर की सुबह आम सुबह की ही तरह थी। लेकिन दोपहर होते होते टीवी सेट और संचार के दूसरे माध्यमों से ये खबर आने लगी कि भारतीय फौज ने एलओसी पार कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया है।
इस तरह की खबर के बाद लोगों में उत्सुकता बढ़ने लगी कि क्या वास्तव में ऐसा कुछ हुआ है? लोगों के सस्पेंस को खत्म करते हुए तत्कालीन डीजीएमओ रनबीर सिंह ने कहा कि भारतीय फौज ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। सेना ने कहा था कि इस अभियान के जरिए आतंकी संगठनों को संदेश देने की कोशिश की गई कि अब उन्हें सिर उठाने का मौका नहीं दिया जाएगा। हम आप को बताएंगे कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब क्या है और इसे अंजाम देने के पीछे की वजह क्या थी।
सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख 28-29 सितंबर 2016
40 से 50 आतंकी ढेर
आतंकियों के सात लांच पैड हुए थे तबाह
पाक सेना ने किया था इनकार
क्या है 'सर्जिकल स्ट्राइक'
'सर्जिकल स्ट्राइक' सेना के उस हमले को कहा जाता है जो अचानक हो और किसी एक तय इलाके या ठिकाने को नष्ट करने के लिए किया जाए। सेना ऐसे हमले में ये विशेष रूप से ध्यान रखती है कि आसपास मौजूद अन्य चीजों को कम या फिर न के बराबर नुकसान पहुंचे।
....और भी हैं तरीके
'सर्जिकल स्ट्राइक' सिर्फ थल सेना के जरिए ही नहीं बल्कि हवाई हमले के जरिए भी हो सकती है। हवा से की गई सर्जिकल स्ट्राइक को 'प्रिसिशन बॉम्बिंग' के नाम से भी जाना जाता है, जब फाइटर प्लेन के जरिए उन जगहों को ही निशाना बनाया जाता है जिन्हें नष्ट करना है। ये 'कारपेट बॉम्बिंग' से बिल्कुल अलग होता है। कारपेट बॉम्बिंग में बम उस पूरे इलाके में गिराए जाते हैं जब सही जगह का अनुमान न लगाया जा सके। 2003 के इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी वायुसेना द्वारा सद्दाम हुसैन के सरकारी ठिकानों पर किए हमलों को 'हवाई सर्जिकल स्ट्राइक' या 'प्रिसिशन बॉम्बिंग' के रूप में देखा जा सकता है।
सर्जिकल स्ट्राइक और 18 सितंबर 2016
28-29 सितंबर की सर्जिकल स्ट्राइक की रूप रेखा के पीछे 18 सितंबर 2016 को उड़ी हमले से जुड़ी हुई थी। उड़ी में सेना के मुख्यालय को पौ फटने से पहले ही आतंकियों ने निशाना बनाया था। आतंकियों के हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे, हालांकि सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी भी मारे गए थे। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। उड़ी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ था। सुनियोजित तरीके से सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। आतंकियों ने निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके।आतंकियों की योजना में मुख्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में मेडिकल एड युनिट में घुसकर खून-खराबा के साथ ऑफिसर्स मेस में घुसकर खुद को उड़ा लेना शामिल था। लेकिन पैरा स्पेशल कमांडो को प्रशासनिक ब्लॉक में उतारे जाने के फैसले की वजह से आतंकी अपने इन नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।
स्पेशल कमांडो ने आतंकवादियों को प्रशासनिक ब्लॉक में ही सीमित कर दिया और तेजी से किए ऑपरेशन में खत्म कर दिया। कुछ ही घंटों के अंदर चारों आतंकियों को मार गिराया गया। लेकिन इससे पहले ही निहत्थे सैनिकों पर गोलीबारी से काफी नुकसान हो चुका था। आतंकवादियों ने बटालियन हेडक्वार्टर के फ्यूल डिपो में ढेरों ग्रेनेड फेंककर आग लगा दी थी। इससे लगभग सौ मीटर के दायरे में भीषण आग लग गई, जिसमें अधिकतर सैनिकों की जान चली गई थी। आतंकवादियों के पास से बरामद नक्शों में पश्तून भाषा में लिखी मार्किंग्स भी मिली थी।
जब भारत के सच और पाक के झूठ की खुली पोल
भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को पाकिस्तान ने कबूलने से इनकार कर दिया था। लेकिन सच ये था कि विदेशी मीडिया ने न केवल भारतीय सेना के पेशेवर अंदाज को सराहा, बल्कि यहां तक कहा कि ऐसा कोई आधार नहीं कि भारतीय दावों को नकारा जा सके। आइए आपको बताते हैं कि विदेशी मीडिया ने क्या कुछ कहा था।
बीबीसी और अलजजीरा ने गुलाम कश्मीर में सीमित सैन्य कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) पर पाकिस्तान के दावे की कलई खोल दी थी। पाकिस्तान इस तरह की कार्रवाई को भ्रामक बताने पर अड़ा था। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक बुधवार की देर रात शुरू हुई थी। यह करीब छह घंटे तक चली थी। पाकिस्तान के आतंकियों ने हमले की योजना बनाई थी और इन्हें रोकने के लिए ही यह कार्रवाई की गई।
अलजजीरा ने भी कहा था कि जहां यह सैन्य कार्रवाई की गई, वहां के स्थानीय लोग भी डर गए थे। पाक सीमा में रहने वाले स्थानीय निवासियों में से एक सैफुल्लाह ने बताया था कि जब गोलियां चलनी शुरू हुई तो आसपास के लोग डर गए थे।
'न्यूयार्क टाइम्स' ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान परेशान हो गया था।
'वाशिंगटन पोस्ट' ने कहा था कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान पर भारत की यह सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है।
ब्रिटेन के 'द टेलीग्राफ' ने कहा थी कि भारतीय जवानों ने गुलाम कश्मीर में घुसकर छह से आठ आतंकी कैंपों पर हमले किए। इन कैंपों में वे लोग थे जो घुसपैठ कर भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे।
अब हम आपको ये बताएंगे कि पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम नहीं दिया गया था,बल्कि 2015 में भी भारतीय फौज ने म्यांमार सीमा पर आतंकियों को कब्र में दफन कर दिया था। इसके अलावा आपको ये भी बताएंगे की दुनिया में कहां कहां सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
ये हैं दुनिया की प्रमुख सर्जिकल स्ट्राइक
- म्यांमार में भारतीय सेना का ऑपरेशन जून 2015 में भारतीय सेना के करीब 70 कमांडो ने म्यांमार के जंगलों में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। 40 मिनट के ऑपरेशन में नगा के 38 विद्रोही मारे गए थे और सात घायल हो गए थे। 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल इलाके में नगा उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 18 सैनिकों के शहीद होने के कुछ ही घंटे बाद तुरंत पीछा कर कार्रवाई करने का निर्णय किया गया।
- ओसामा बिन लादेन, पाकिस्तान मई 2011 में अमेरिकी विशेष बलों ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में उसके घर में घुसकर मारा था। सीआईए के नेतृत्व में हुए विशेष ऑपरेशन को अमेरिकी नेवी सील ने अंजाम दिया था।
- इराक में अमेरिकी कार्रवाई 2003 में अमेरिका ने इराक के सैन्य ठिकानों पर जबर्दस्त एयर सर्जिकल स्ट्राइक कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इसमें सिर्फ सैन्य व सरकारी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
- 2003 में सीआईए ने पाकिस्तान में 9/11 हमले के तीन संदिग्धों में से एक खालिद शेख मोहम्मद को पक़़डने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। रावलपिंडी में यह हमला हुआ था, जिसके बाद मोहम्मद को गुआंतानामो बेस ले जाया गया।
सर्जिकल स्ट्राइक में इजराइली सेना माहिर
पूरी दुनिया में इजराइल की सेना को सर्जिकल स्ट्राइक में सबसे माहिर माना जाता है। जून 1976 में इजराइली सेना ने युगांडा के हवाई अड्डे पर बंधक संकट पर सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की थी। पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन के सदस्यों ने एयर फ्रांस के विमान को अगवा कर लिया था। जिसके बाद इजराइल के 100 कमांडो ने आतंकियों पर हमला किया। इस कार्रवाई में सभी आतंकी मारे गए थे।
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