UAE से पकड़कर भारत लाया गया भगोड़ा जगदीश पुनेठा, इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद एक्शन
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेश और गृह मंत्रालय के सहयोग से यूएई से भगोड़े जगदीश पुनेठा को वापस लाया है। पुनेथा पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप हैं, जिसके चलते रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। उत्तराखंड पुलिस की टीम उसे भारत वापस ले आई। इंटरपोल के रेड नोटिस वांछित व्यक्तियों को ढूंढने में सहायक होते हैं। हाल के वर्षों में 150 से अधिक अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

भगोड़ा जगदीश पुनेठा यूएई से गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्रालय (एमईए) और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भगोड़े जगदीश पुनेठा की वापसी कर ली गई है। सीबीआई ने एक आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी दी।
इस साल की शुरुआत में पुनेठा पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। उसपर पिथौरागढ़ पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप हैं। मामला दर्ज होने के बाद, वह भारत से भागकर यूएई चला गया था, जहां वो पिछले चार सालों से रह रहा था।
भगोड़ा जगदीश पुनेथा यूएई से गिरफ्तार
इंटरपोल के लिए भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) के रूप में कार्यरत सीबीआई ने पुनेठा का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ समन्वय किया।
उत्तराखंड पुलिस के अनुरोध पर इस साल मई में इंटरपोल के जरिये उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिससे दुनियाभर की एजेंसियां उसकी गतिविधियों पर नजर रख सकती थीं। यूएई में उसकी नजरबंदी के बाद, उत्तराखंड पुलिस की एक टीम भगोड़े को हिरासत में लेने के लिए यूएई गई थी।
इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई
बयान में कहा गया है कि टीम उसे गुरुवार को भारत वापस ले आई। सीबीआई ने कहा कि वांछित व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में सहायता के लिए इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस दुनिया भर में प्रसारित किए जाते हैं।
एनसीबी की तरह, सीबीआई इंटरपोल चैनलों के जरिये मदद के लिए भारतपोल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है।
सीबीआई और उत्तराखंड पुलिस का संयुक्त अभियान
इससे पहले सितंबर में, आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए भगोड़े परमिंदर सिंह को सीबीआई द्वारा चलाए गये एक ऑपरेशन में यूएई से प्रत्यर्पित किया गया था।
परमिंदर सिंह पर आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के लिए कथित रूप से धन जुटाने का आरोप था। एजेंसी के अनुसार, इन अंतरराष्ट्रीय तंत्रों का उपयोग करके समन्वित प्रयासों के माध्यम से हाल के वर्षों में 150 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

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