आईटीबीपी और बीएसएफ महानिदेशक बोले, सशस्त्र बलों के नियंत्रण में है देश की समूची जमीन
पूर्वी लद्दाख को लेकर विपक्ष के सवालों के बीच आइटीबीपी और बीएसएफ के प्रमुख ने कहा है कि देश की समस्त भूमि सशस्त्र बलों के पूर्ण कब्जे में है। पढ़ें उनका पूरा बयान...
गुरुग्राम, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव घटाने की प्रक्रिया के बीच आइटीबीपी और बीएसएफ के प्रमुख ने कहा है कि देश की समस्त भूमि सशस्त्र बलों के पूर्ण कब्जे में है। आईटीबीपी और बीएसएफ के महानिदेशक एसएस देशवाल भोंडसी स्थित बीएसएफ कैंप में पौधारोपण अभियान से इतर संवाददाताओं से कहा कि देश की सभी सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। सशस्त्र बल पूरी तरह सक्रिय, सक्षम और समर्पित हैं। 1984 बैच के आइपीएस अधिकारी ने कहा कि देश के सुरक्षा बल सभी तरह के दुश्मनों से सीमाओं की सुरक्षा करने में सक्षम हैं।
यह पूछे जाने पर कि आईटीबीपी ने एलएसी से जुड़े इलाकों में अधिक जवानों को तैनात किया है, देसवाल ने कहा कि देशभर में जरूरत के हिसाब से समय समय पर बलों की ऐसी तैनाती होती रहती है। वहीं सूत्रों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की एक और दौर की बातचीत से पहले चीनी सेना ने फिंगर चार पर अपनी मौजूदगी को और कम किया है। यही नहीं चीनी सेना ने पैंगोंग झील से कुछ नावों को भी हटा लिया है।
देसवाल ने कहा कि हमारी सेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों का मनोबल बेहत ऊंचा है। आजादी के बाद से सशस्त्र बलों ने सीमाओं और देश की सुरक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। आप देख सकते हैं कि हमारे जवान देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान हथेली पर लेकर हर पल तत्पर रहते हैं। आईटीबीपी के प्रमुख देसवाल को बीएसएफ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। 90 हजार जवानों वाला आईटीबीपी चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा रक्षा के लिए पहाड़ी-युद्ध कौशल में माहिर प्रशिक्षित बल है।
चीनी सेना की मौजूदा आक्रामकता को देखते हुए एलएसी से लगे इलाकों में आईटीबीटी ने 60 नई कंपनियां तैनात की है। आईटीबीपी की एक कंपनी में 10 जवान होते हैं। वहीं ढाई लाख जवानों की क्षमता से लैस बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमाओं की सुरक्षा में जुटा हुआ है। ऐसे में जब कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी सेना की आक्रामकता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। आइटीबीपी और बीएसएफ प्रमुख देसवाल का बयान बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि देश की समस्त भूमि सशस्त्र बलों के कब्जे में है।