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आइटी मंत्रालय को मिल सकती है कैशलेस को प्रोत्साहन की जिम्मेदारी

देश में पिछले साल नोटबंदी लागू होने के बाद डिजिटल सौदों और कैशलेस इकोनॉमी की तरफ तेजी से बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को व्यापक खाका तैयार कर अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 06 Feb 2017 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2017 09:52 PM (IST)
आइटी मंत्रालय को मिल सकती है कैशलेस को प्रोत्साहन की जिम्मेदारी
आइटी मंत्रालय को मिल सकती है कैशलेस को प्रोत्साहन की जिम्मेदारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में कैशलेस इकोनॉमी बनाने और डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को प्रोत्साहन देने की पूरी जिम्मेदारी नीति आयोग से लेकर इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को सौंपी जा सकती है। नोटबंदी के बाद आइटी मंत्रालय की सक्रियता और डिजिटल इंडिया बनाने के लिए चलाये गये अभियान और आधार आधारित भुगतान व्यवस्था को बेहद कम समय में कल्पना से हकीकत तक पहुंचाने की सफलता को इसकी प्रमुख वजह बताया जा रहा है।

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देश में पिछले साल नोटबंदी लागू होने के बाद डिजिटल सौदों और कैशलेस इकोनॉमी की तरफ तेजी से बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को व्यापक खाका तैयार कर अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने डिजिटल सौदों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देने का भी ऐलान किया था। यही नहीं नीति आयोग ने राज्यों को पत्र लिखकर भी अपने यहां डिजिटल भुगतान व्यवस्था का एक व्यापक ढांचा खड़ा करने का आग्रह भी किया था।

हालांकि नीति आयोग के समानांतर इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी इस दिशा में प्रयासरत था। मंत्रालय ने न केवल कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए डिजिटल सौदों को सर्वग्राही बनाने का अभियान चलाया बल्कि देश भर में डिजिटल साक्षर बनाने का सफल अभियान भी चलाया। सीएससी ने करीब डेढ़ महीने चले इस अभियान में लाखों लोगों को डिजिटल साक्षर बनाने में सफलता प्राप्त की।

सूत्र बताते हैं कि जिस तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस दिशा में काम किया उसे सरकार में ऊपरी स्तर पर सराहा गया है। उस पर आधार आधारित भुगतान व्यवस्था को बेहद कम समय में अमल के स्तर तक लाने के लिए भी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तत्परता को इस दिशा में अहम माना जा रहा है। इस व्यवस्था को लागू करने के क्रम में सरकार मात्र एक कदम दूर है। ऐसा हो जाने के बाद जिसके पास डेबिट कार्ड नहीं है वह भी अपने बैंक खाते से सीधे भुगतान करने की स्थिति में होगा। इसे कैशलेस इकोनॉमी के मामले में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

नोटबंदी के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इन्हीं प्रयासों ने डिजिटल उसे देश में डिजिटल इकोनॉमी का नोडल मंत्रालय बनने के बेहद करीब ला दिया है। सूत्र बताते हैं कि इस दिशा में देश में इस दिशा में होने वाले सभी कामों की देखरेख की जिम्मेदारी नीति आयोग से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को दी जा सकती है।


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