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पत्रकारों के लिए बोलने से ज्यादा सुनना बेहद जरूरी, IIMC के सत्रारंभ समारोह का संदेश

भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह के समापन समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने पत्रकारिता के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के लिए सृजनात्मकता की आवश्यकता है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 26 Nov 2022 08:45 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 08:45 PM (IST)
IIMC के सत्रारंभ समारोह का हुआ समापन। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सत्रारंभ समारोह का समापन शुक्रवार को हो गया। इस समारोह में 56 वक्ताओं ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने पत्रकारिता के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के लिए सृजनात्मकता की आवश्यकता है। ज्ञान के आधार पर हम किसी भी क्षेत्र में शीर्षतम स्तर पर पहुंच सकते हैं। हालांकि इसके लिए सृजनात्मक, निष्पक्ष और साहसी होना बेहद जरूरी है।

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किताबी ज्ञान से ऊपर उठकर समाज के लिए करें काम

उन्होंने 'अमृतकाल के संकल्प और मीडिया' विषय पर बोलते हुए कहा कि पत्रकारों के लिए बोलने से ज्यादा सुनना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, 'मीडिया में अपने करियर को शुरू करने जा रहे प्रत्येक विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वो किताबी ज्ञान से ऊपर उठकर समाज के लिए जमीन पर रहकर काम करें।' उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता के लिए व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है। यही पत्रकार को सर्वश्रेष्ठ बनाता है।

रिजेक्शन की चिंता छोड़ें- मेहता

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने कहा कि अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण समय में युवाओं को अमृत के साथ-साथ विष के लिए भी तैयार रहना चाहिए। पत्रकारिता में पत्रकार को एक सैनिक की तरह काम करना होता है। उन्होंने कहा कि आपकी सफलता तब है, जब आपकी तारीफ कोई दूसरा व्यक्ति करे। उन्होंने युवाओं को सफलता का मंत्र भी बताया। उन्होंने कहा, 'आगे बढ़ने और सफल होने का मूलमंत्र यह है कि आप 'परफेक्शन' से काम करें और 'रिजेक्शन' की चिंता छोड़ दें।'

अपने काम को मेहनत और ईमानदारी से करते रहें- प्रो. द्विवेदी

इस अवसर पर IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप अपने काम को मेहनत और ईमानदारी से करते हैं, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मेहनत करने वाले व्यक्ति के सामने कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, वह उसका समाधान निकाल ही लेता है। उन्होंने कहा, 'सकारात्मक सोच और सार्थक विचारों की पत्रकारिता ही समाज और संस्कृति के लिए सबसे बेहतर होती है।' उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समस्याओं का समधान प्रस्तुत करना चाहिए।

56 वक्ताओं ने किया संबोधित

IIMC द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह के समापन समारोह में पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता, IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक आशीष गोयल, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, कार्यक्रम के संयोजक एवं उर्दू पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार सहित IIMC के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित थे। मालूम हो कि 21 नवंबर से प्रारंभ हुए आईआईएमसी के पांच दिवसीय सत्रारंभ समारोह में लगभग 56 वक्ताओं ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।

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