Move to Jagran APP

औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने का मुद्दा कांग्रेस और शिवसेना के बीच फिर गरमाया

किसी स्थान का नाम बदल देने से उसका इतिहास नहीं बदला जा सकता। सरकार शहर का नाम बदलने में करोड़ों रुपये खर्च करने के बजाय वह रकम बुनियादी ढांचे के विकास पर क्यों नहीं करती है? शिवसेना ने कहा कि गठबंधन पर नहीं पड़ेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 10:51 PM (IST)
औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने का मुद्दा कांग्रेस और शिवसेना के बीच फिर गरमाया
शिवसेना बोली- गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर, सुलझा लेंगे मसला।

मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने का मामला एकबार फिर से गरमा गया है। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने दो टूक कह दिया है कि वह शहर का नाम बदलने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी। साथ ही सचेत किया है कि यह महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का हिस्सा नहीं है। जबकि चार महीने बाद ही औरंगाबाद महानगरपालिका के होने वाले चुनाव को देखते हुए शिवसेना करीब तीन दशक पुराने अपने इस आंदोलन को फिर से सियासी पटल पर प्रमुखता से रखने के प्रयास में जुटी है। उसने जता दिया है कि यह उसके लिए भावनात्मक मुद्दा है, क्योंकि पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने संभाजीनगर नामकरण करने की मांग की थी। अब केवल कागजी कार्यवाही पूरी की जानी है।

loksabha election banner

शिवसेना ने कहा- गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर, सुलझा लेंगे मसला

शिवसेना ने साफ किया है कि इस मसले का गठबंधन पर असर नहीं होगा तथा घटक दलों के नेता मिल बैठ कर इसे सुलझा लेंगे। दूसरी ओर, मराठा समुदाय के सदस्यों ने कांग्रेस के रुख के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन किया। जबकि केंद्रीय मंत्री तथा आरपीआइ (ए) नेता रामदास आठवले ने कहा है कि नामांतरण के मसले पर उद्धव ठाकरे की सरकार गिर सकती है।

कांग्रेस ने किया नामांतरण के किसी प्रस्ताव का विरोध करने का एलान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने इसी सप्ताह एलान किया कि उनकी पार्टी औरंगाबाद का नाम बदलने के किसी भी प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेगी। इस पर शिवसेना ने शनिवार को कहा कि उसे विश्वास है कि एमवीए सदस्य इसका समाधान निकाल लेंगे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में तंज किया है कि कांग्रेस के इस रुख से भाजपा खुश हो सकती है, लेकिन कांग्रेस का यह विरोध पुराना है। इसलिए इसे गठबंधन से जोड़ना बेवकूफी होगी।

भाजपा ने कहा- कांग्रेस तथा शिवसेना राजनीति और नाटक कर रही हैं

दूसरी ओर, भाजपा ने कहा है कि इस मामले पर कांग्रेस तथा शिवसेना राजनीति और नाटक कर रही हैं। भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, 'वे तय कर चुके हैं कि एक प्रस्तावित करेगा और दूसरा विरोध करेगा।' भाजपा विधायक अतुल सावे कहते हैं, 'कोई भी मुसलमान अपने बच्चे का नाम औरंगजेब नहीं रखता है तो यह किसी शहर का नाम क्यों होना चाहिए?'

सपा विधायक अबू आजमी ने कहा- यह मामला वोट बैंक की राजनीति का है

जबकि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा है कि यह मामला वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ नहीं। औरंगाबाद से एआइएमआइएम के सांसद इम्तियाज जलील का कहना है महज किसी स्थान का नाम बदल देने से उसका इतिहास नहीं बदला जा सकता। सरकार शहर का नाम बदलने में करोड़ों रुपये खर्च करने के बजाय वह रकम बुनियादी ढांचे के विकास पर क्यों नहीं करती है?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.