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सिंगापुर के 6 सेटेलाइट को ले गया पीएसएलवी-सी29

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार शाम छह बजे सिंगापुर के छह सेटेलाइटों के साथ पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी-सी29) रॉकेट का प्रक्षेपण किया।

By Test1 Test1Edited By: Published: Wed, 16 Dec 2015 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2015 01:42 AM (IST)
सिंगापुर के 6 सेटेलाइट को ले गया पीएसएलवी-सी29

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार शाम छह बजे सिंगापुर के छह सेटेलाइटों के साथ पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी-सी29) रॉकेट का प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से किया गया।अंतरिक्ष केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक, रॉकेट के साथ भेजे गए सेटेलाइटों में सर्वाधिक वजनी पृथ्वी की निगरानी करने वाला 'टेलीयॉस' सेटेलाइट (400 किलोग्राम) है।

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इसी वजह से इसरो ने इस मिशन का नाम 'टेलीयॉस' दिया। अन्य पांच सेटेलाइटों में वेलीयॉक्स-सी 1, वेलीयॉक्स-2, केंट रिज-1, गैलेसिया और एथेनोसैट-1 शामिल हैं। इसरो की इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'हमारे वैज्ञानिकों ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सिंगापुर के छह सेटेलाइटों के साथ पीएसएलवी-सी29 की सफल लांचिंग पर आप सभी को बधाई।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'भारत व सिंगापुर के संबंधों के 50 साल होने के अवसर पर यह लांचिंग, महत्वपूर्ण है। सिंगापुर के साथ मजबूत संबंधों को भारत संजोये रखना चाहता है।''

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टेलीयॉस' सेटेलाइट की खासियत

यह सिंगापुर निर्मित अब तक का सबसे बड़ा वाणिज्यिक सेटेलाइट है। इसका उपयोग समुद्री निगरानी एवं सीमा सुरक्षा के लिए किया जाएगा। यह पांच वर्षो तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। समुद्री तट की निगरानी के अलावा इसका उपयोग आपदा निगरानी, शहरी नियोजन और देश की सुरक्षा के लिए किया जाएगा।इस सेटेलाइट को पृथ्वी से 550 किमी ऊपर वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा। 20 देशों के सेटेलाइटों को अंतरिक्ष भेज चुका है इसरोसिंगापुर के सेटेलाइट इसरो की वाणिज्यिक शाखा 'एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड' ने लांच किए हैं। यह पीएसएलवी के जरिये सेटेलाइट लांचिंग की सेवा प्रदान करता है। पीएसएलवी का यह 32वां मिशन था।एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड पीएसएलवी के जरिये अब तक 20 देशों के 51 सेटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेज चुका है। इसरो ने अपने पहले सबसे बड़े वाणिज्यिक अभियान में इसी साल ब्रिटेन के पांच सेटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजा था।

रीस्टार्ट होने वाले इंजन का परीक्षण

सिंगापुर के छह सेटेलाइटों को अंतरिक्ष भेजने के साथ ही इसरो ने पीएसएलवी के आज के प्रक्षेपण के जरिये दोबारा चालू होने वाले इंजन का भी परीक्षण किया। इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने बताया कि रीस्टार्ट-टेस्ट का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। इंजन को पांच सेकेंड के लिए प्रज्ज्वलित किया गया। इस तकनीक का इस्तेमाल अगले साल किया जाएगा। इसरो के एक अन्य वैज्ञानिक एस सोमनाथ ने बताया कि इंजन को फिर से चालू करने का काम बहुत अच्छे ढंग से किया गया। हम अपने परीक्षण में सफल रहे।

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