इसरो जासूसी घोटाला : चाको चाहते हैं सीबीआइ सबसे पहले एंटनी और चांडी से पूछताछ करे
चाको ने कहा कि एंटनी और चांडी कभी भी करुणाकरण का सीधे तौर पर कुछ बिगाड़ नहीं पाए इसीलिए इसरो के मामले को करुणाकरण के खिलाफ पार्टी के एक धड़े ने खूब इस्तेमाल किया है। बल्कि केरल पुलिस खासकर सिबी मैथ्यू से झड़प को भी स्थानीय पुलिस ने इस्तेमाल किया।
तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट के दोबारा जांच के आदेश के बाद कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने सीबीआइ से कहा है कि वह इसरो जासूसी घोटाले में पहले एके एंटनी और ओमेन चांडी से पूछताछ करें। चाको ने हाल ही में कांग्रेस को छोड़ा है और राकांपा में शामिल हो गए। और वह केरल में वामदलों के लिए चुनाव प्रचार करते भी देखे गए हैं। उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के साथ मंच साझा किया और कांग्रेस को फटकारते नजर आए।
बताया जाता है कि चाको विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया। इधर, सर्वोच्च अदालत ने 2018 में सेवानिवृत्त जज डीके जैन के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के बाद निर्देश दिया था कि इस बात की जांच की जाए कि पुलिस अफसरों ने नारायणन को फंसाने के लिए कोई साजिश तो नहीं रची थी। इस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सीबीआइ को नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया। सीबीआइ इस मामले में नए सिरे से जांच के साथ ही जैन कमेटी की रिपोर्ट को प्रारंभिक दस्तावेज के तौर पर देख सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को अपनी रिपोर्ट तीन महीने में सौंपने का निर्देश दिया है।
इसी के बाद चाको ने शुक्रवार को कहा कि अगर सीबीआइ एक सटीक रिपोर्ट देने के लिए तत्पर है तो उन्हें सबसे पहले कांग्रेस नेता एके एंटनी और चांडी से पूछताछ करनी चाहिए। इसरो जासूसी मामला कांग्रेस के लिए सबसे बुरे दौर में से एक था। इस मामले में इसरो के वैज्ञानिक एस. नांबी नारायणन का कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन उन्हें निशाना बनाया गया। के.करुणाकरण ने उन्हें सब कुछ बताया था कि कैसे इस मामले को लेकर उन पर हमले किए गए थे। चाको ने कहा कि यह नेता (एंटनी और चांडी) कभी भी करुणाकरण का सीधे तौर पर कुछ बिगाड़ नहीं पाए और इसीलिए इसरो के मामले को करुणाकरण के खिलाफ पार्टी के एक धड़े ने खूब इस्तेमाल किया है। बल्कि केरल पुलिस खासकर सिबी मैथ्यू से झड़प को भी स्थानीय पुलिस ने इस्तेमाल किया।
उल्लेखनीय है कि इसरो जासूसी कांड वर्ष 1994 में सामने आया था। तब नारायणन को गिरफ्तार कर उन पर देशद्रोह और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे।