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भारत का 42वां संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित, दूरसंचार सेवाओं में होगा सुधार

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का यह इस साल का अंतिम अभियान है। संचार उपग्रह सीएमएस-01 (CMS-01) जीसैट-12 की जगह लेगा और सात साल देगा सेवाएं देगा। इससे टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधारने और सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 05:29 PM (IST)
भारत का 42वां संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित, दूरसंचार सेवाओं में होगा सुधार
सीएमएस-01 उपग्रह 11 जुलाई, 2011 में लांच किए गए जीसैट-12 की जगह लेगा

श्रीहरिकोटा, एजेंसियां। भारत ने गुरुवार को अपने 42वें संचार उपग्रह सीएमएस-01 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इस उपग्रह का जीवनकाल सात वर्ष का होगा और यह एक्सटेंडेड सी-बैंड फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएगा। यह इसरो का इस साल का अंतिम मिशन था।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि 320 टन वजनी पीएसएलवी-सी50 राकेट ने दोपहर 3.41 बजे सीएमएस-01 को लेकर उड़ान भरी। करीब 20 मिनट बाद राकेट ने उपग्रह को जीटीओ में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।

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श्रीहरिकोटा से यह 77वां लांच व्हीकल मिशन था। सीएमएस-01 उपग्रह 11 जुलाई, 2011 में लांच किए गए जीसैट-12 का स्थान लेगा जिसकी मिशन अवधि आठ वर्ष थी। सीएमएस-01 के सफल प्रक्षेपण पर खुशी जाहिर करते हुए इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि चार दिनों में इस उपग्रह को उसके निर्धारित जियोसिंक्रोनस आर्बिट में स्थापित कर दिया जाएगा। उपग्रह के सोलर पैनलों ने काम करना शुरू कर दिया है।

पीएसएलवी-सी51 का प्रक्षेपण होगा विशेष

सिवन ने बताया कि अगला राकेट पीएसएलवी-सी51 होगा जो फरवरी-मार्च, 2021 में प्रक्षेपित किया जाएगा। वह इसरो और देश के लिए विशेष होगा। यह राकेट भारत के पहले स्टार्टअप (पिक्सेल इंडिया) निर्मित भू-निगरानी उपग्रह 'आनंद' को लेकर जाएगा। साथ ही यह राकेट स्पेस किड्स इंडिया टीम के तहत छात्रों द्वारा निर्मित संचार उपग्रह 'सतीश सैट' और तीन विश्वविद्यालयों के समूह द्वारा निर्मित एक अन्य उपग्रह 'यूनिट-सैट' को भी लेकर जाएगा। हालांकि पीएसएलवी-सी51 का प्राथमिक पेलोड ब्राजील का उपग्रह होगा जिसका वजन 600 से 700 किग्रा के बीच होगा।

चंद्रयान-3 और गगनयान का भी होना है प्रक्षेपण

सिवन ने बताया कि आगे इसरो टीम का शेड्यूल बेहद व्यस्त है क्योंकि अब टीम को चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 उपग्रह, भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान और स्माल राकेट स्माल सेटेलाइट लांच व्हीकल (एसएसएलवी) का प्रक्षेपण करना है। सीएमएस-01 कोरोना महामारी के इस दौर में इस साल का देश में दूसरा और अंतिम प्रक्षेपण था। इससे पहले सात नवंबर को इसरो ने भू-निगरानी उपग्रह ईओएस-01 को नौ अन्य विदेशी उपग्रहों के साथ प्रक्षेपित किया था। जबकि 17 जनवरी, 2020 को इसरो ने संचार उपग्रह जीसैट-30 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियनस्पेस के एरियन-5 राकेट से प्रक्षेपित किया था।

नई नामकरण योजना के तहत पहला संचार उपग्रह

सीएमएस-01 पहला ऐसा संचार उपग्रह है जिसको इसरो ने उसकी नई उपग्रह नामकरण योजना के तहत कक्षा में स्थापित किया है। इसरो ने हाल ही में अपने उपग्रहों के नाम उसके वर्ग के आधार पर रखने का फैसला किया है। इससे पहले उसने अपने भू-निगरानी उपग्रह का नाम ईओएस किया था और अब संचार उपग्रह का नामकरण सीएमएस किया है।


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