नई सुविधा से लैस होगा श्रीहरिकोटा का इसरो, लांच क्षमता में इजाफा
दूसरे व्हिकल असेंबली बिल्डिंग वाली नई सुविधा के साथ इसरो एक साल में 12 रॉकेट लांच कर पाएगा जो कि अभी 7 है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सैटेलाइट लॉन्च की क्षमता में जल्द ही इजाफा होगा क्योंकि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में देश के एकमात्र लॉन्चपैड सेंटर को इस वर्ष के अंत तक एक दूसरा व्हिकल बिल्डिंग मिलेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए इसरो चेयरमैन ए एस किरण कुमार ने बताया, ‘एकमात्र व्हीकल असेंबली बिल्डिंग होने के कारण कंपोनेंट का फाइनल संयोजन में बाधा आती थी। इसलिए, दूसरा व्हिकल असेंबली बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। बिल्डिंग पर काम करीब करीब पूरा होने को है और इस वर्ष के अंत तक यहां काम शुरू हो जाएगा। नए असेंबली सुविधाओं के साथ हम लांच व्हिकल को असेंबल करने में सक्षम हो जाएंगे। इसके साथ ही श्रीहरिकोटा सेंटर की लांच क्षमता बढ़ जाएगी।‘
श्रीहरिकोटा हाई एल्टीट्यूड रेंज (SHAR) पर तीसरे लांचपैड बनाने की भी योजना की जा रही है। इसरो के चेयरमैन ने कहा, ‘हम दो लांचपैड के लिमिट तक नहीं पहुंच पाए हैं। नये असेंबली सुविधा के साथ हम अधिक व्हिकल असेंबल कर पाएंगे। हम अधिक रॉकेट के असेंबलिंग करना शुरू करेंगे लेकिन इन्हें लांच करने के लिए तीसरे लांचपैड की जरूरत होगी। पर इसके निर्माण से पहले हमें सरकार की मंजूरी लेनी होगी। इसलिए हम धीरे धीरे लांच में आने वाले बाधाओं को खत्म कर रहे हैं।‘ नयी सुविधा के साथ इसरो एक साल में 12 रॉकेट लांच कर पाएगा जो कि अभी 7 है। अगले साल के शुरुआत में बड़े मिशन पर किरण कुमार ने कहा, 2018 की पहली छमाही में चंद्रयान-2 मिशन के लांच और GSLV Mk III D2 का दूसरा विकासात्मक फ्लाइट भेजा जाना है।
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