लैंडिंग से पहले चंद्रयान-2 अब लगाएगा चांद के चक्कर, इसरो ने बदला प्लान
इसरो का चंद्रयान-2 अब चांद की सतह पर उतरकर सिर्फ परीक्षण नहीं करेगा, बल्कि उतरने से पहले चांद का चक्कर लगाएगा।
बेंगलुरु [ एजेंसी ]। भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 अब चांद की सतह पर उतरकर सिर्फ परीक्षण नहीं करेगा, बल्कि उतरने से पहले चांद का चक्कर लगाएगा। चंद्रयान चांद की सतह को बारीकी से देखेगा और उसके बाद लैंडिंग होगी। पहले के प्लान के मुताबिक, लैंडर ऑर्बिटर से अलग होने के बाद सीधे लैंड कर जाता। यह फैसला 19 जून को चौथी टेक्निकल मीटिंग के बाद लिया गया था।
इसके बाद लैंडर के हार्डवेयर में कई बदलाव करने पड़े। लैंडर में पांचवां लिक्विड इंजिन और नया लेग कॉन्फिगरेशन लगाया गया है। इस कारण मिशन में देरी हो गई जबकि पहले ही लॉन्च की तीन तारीखें निकल चुकी हैं। हालांकि, टीम ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि लैंडर चांद के कितने चक्कर लगाएगा लेकिन उन्हें पता है कि यह जिस कक्षा में होगा वह अंडाकार होगी। इसमें सबसे नजदीकी जगह 30 किमी और सबसे दूर की जगह 100 किमी पर होगी।
पहले था सीधे लैंडिंग का प्लान
इसरो की पूर्व योजना के मुताबिक लैंडर 100 किमी दूरी पर अलग हो जाता और चांद की ओर 18 किमी तक सीधे उतरता। वहां से इसकी दिशा बदलती और यह से 8.5 किमी तक सतह के बराबर चलता। इसके बाद धीरे से यह लैंड हो जाता। यह जानकारी चंद्रयान-2 से जुड़े के सीनियर सदस्य ने दी। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि पहले लैंडर को जमीन को समझने के लिए समय दिया जाना था क्योंकि 6,000 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से यह लैंडिंग के लिए शून्य तक पहुंचता। नया प्लान लैंडर के लिए लैंडिंग आसान कर देगा। लैंडर माइक्र स्टार सेंसर्स की मदद से अपनी गति देख सकेगा और लैंडिंग के लिए वील्स खोल सकेगा।
क्या है इसरो की योजना
1- अभियान को जीएसएलवी मार्क 3 प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपण करने की योजना है।
2- इस अभियान में भारत में निर्मित एक लूनर ऑर्बिटर (चन्द्रयान) तथा एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल होंगे। इस सब का विकास इसरो द्वारा किया जाएगा।
3- इसरो के अनुसार यह अभियान विभिन्न नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा परीक्षण के साथ-साथ नए प्रयोग भी करेगा।
4- पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा वहीं पर विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा।
5- आंकड़ों को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जाएगा।
6- मायलास्वामी अन्नादुराई के नेतृत्व में चंद्रयान-1 अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली टीम चंद्रयान-2 पर भी काम कर रही है।