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ISRO का बड़ा कमाल : अब अंतरिक्ष से होगी चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों की निगरानी

चीन की चालों और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर भारत अब और नजदीकी नजर रख सकेगा। सिंधु नेत्र उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के साथ ही लद्दाख के पहाड़ी इलाकों से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र (आइओआर) की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर निगरानी रखने की भारत की क्षमता बढ़ गई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 07:25 AM (IST)
ISRO का बड़ा कमाल : अब अंतरिक्ष से होगी चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों की निगरानी
ISRO का बड़ा कमाल : अब अंतरिक्ष से होगी चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों की निगरानी। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन की चालों और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर भारत अब और नजदीकी नजर रख सकेगा। 'सिंधु नेत्र' उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के साथ ही लद्दाख के पहाड़ी इलाकों से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र (आइओआर) की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर निगरानी रखने की भारत की क्षमता बढ़ गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 'सिंधु नेत्र' और ब्राजील के अमेजोनिया-1 समेत 19 उपग्रहों का रविवार को सफल प्रक्षेपण किया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10:30 बजे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी पीएसएलवी-सी51 से इन सभी उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया।

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एनएसआइएल द्वारा पहला पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण

यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल) द्वारा पहला पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण था। इसरो के व्यावसायिक प्रक्षेपण के काम को देखने के लिए 2019 में विज्ञान विभाग के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तौर पर एनएसआइएल का गठन किया गया था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के युवा विज्ञानियों ने सिंधु नेत्र उपग्रह को विकसित किया है। यह उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में संचालित युद्धपोत और व्यापारिक पोत की खुद से पहचान कर लेगा। सूत्रों ने बताया कि सिंधु नेत्र से अपने क्षेत्र में निगरानी रखने की भारत की क्षमता बहुत अधिक बढ़ गई है। चीन से लगने वाले लद्दाख क्षेत्र से लेकर पाकिस्तान के सीमवर्ती इलाकों पर इसके जरिये नजदीकी नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर, अदन की खाड़ी और अफ्रीकी तटों पर भी इससे नजर रखी जा सकेगी। 

पीएम मोदी की तस्वीर और भागवत गीता को भी अंतरिक्ष में भेजा

एसकेआइ ने अपने उपग्रह के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर और डिजिटल फॉरमेट में भागवत गीता को भी अंतरिक्ष में भेजा है। इसरो का यह पहला अंतरिक्ष मिशन है। यह पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण है। इसरो ने ब्राजील के अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट अमेजोनिया-1 के साथ ही अमेरिका के 13 और भारत के पांच उपग्रहों को लांच किया है। भारतीय उपग्रहों में सतीश धवन सेटेलाइट (एसडी-सैट) और यूनिटी सेटेलाइट भी शामिल है। एसडी-सैट चेन्नई स्थित स्पेस किड्ज इंडिया (एसकेआइ) का छोटा उपग्रह है, जबकि यूनिटी देश के तीन इंजीनियरिंग एवं तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का संयुक्त उपग्रह है। 

 पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष क्षेत्र में नए युग की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'एनएसआइएल (न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड) और इसरो को पीएसएलवी-सी51/अमेजोनिया-1 मिशन के पहले समर्पित व्यावसायिक प्रक्षेपण की सफलता पर बधाई। यह देश के अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास में नए युग की शुरुआत है।' प्रधानमंत्री ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को भी बधाई दी और अमेजोनिया-1 के प्रक्षेपण को 'ऐतिहासिक क्षण' बताया। वहीं, श्रीहरिकोटा में मौजूद ब्राजील के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री मार्कोस पोंटीस ने कहा कि यह भारत और ब्राजील की साझेदारी की तरफ पहला कदम है, जो आगे और मजबूत होगी। 

सभी उपग्रह कक्षा में स्थापित

इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के करीब 17 मिनट बाद 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 ने अमेजोनिया-1 को उसकी कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश करा दिया। उसके बाद करीब एक घंटे 38 मिनट की उड़ान के दौरान वह सभी अन्य 18 उपग्रहों को उनकी कक्षा में प्रवेश कराता गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंधु नेत्र का जमीन पर स्थित केंद्र से संचार भी शुरू हो गया है। 

देश के लिए विशेष मिशन : सिवन

देश के लिए इसे एक विशेष मिशन बताते हुए इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि एजेंसी ने उपग्रहों को बनाने में विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इससे उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों को भविष्य में अपना उपग्रह बनाने के लिए बल मिलेगा।


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