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New Smart Limbs: इसरो ने विकसित किए स्मार्ट घुटने, सामान्य कृत्रिम अंग की तुलना में अधिक सुविधाजनक

भारत में एमपीके आयात किए जाते हैं जिनकी कीमत 10 लाख रुपये से 60 लाख रुपये होती हैं। जल्द ही व्यावसायिक उपयोग के लिए इसका निर्माण शुरू हो सकता है। इससे इसकी लागत 10 गुना तक कम हो जाएगी।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Sat, 24 Sep 2022 04:30 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 04:30 AM (IST)
इसरो ने विकसित किए स्मार्ट घुटने (सोर्स- इसरो)

बेंगलुरु, प्रेट्र: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कृत्रिम स्मार्ट अंग विकसित किया है। माइक्रोप्रोसेसर-नियंत्रित घुटने (एमपीके) सामान्य कृत्रिम अंग की तुलना में अधिक सुविधाजनक है। 1.6 किलोग्राम के माइक्रोप्रोसेसर-नियंत्रित घुटने (एमपीके) ने दिव्यांगों को लगभग 100 मीटर चलने में सक्षम बनाया है और सुधार के प्रयास चल रहे हैं।

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इस समय भारत में एमपीके आयात किए जाते हैं। इसकी कीमत 10 लाख रुपये से 60 लाख रुपये तक होते हैं। जल्द ही व्यावसायिक उपयोग के लिए इसका निर्माण शुरू हो सकता है। इससे इसकी लागत 10 गुना तक कम हो जाएगी। लगभग चार लाख से पांच लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इसरो ने शुक्रवार को कहा कि इन स्मार्ट एमपीके को इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा विकसित किया जा रहा है। एमपीके में एक माइक्रोप्रोसेसर, हाइड्रोलिक डैपर, लोड और नी एंगल सेंसर, कंपोजिट नी-केस, लीथियम-आयन बैटरी, इलेक्टि्रकल हार्नेस और इंटरफेस होते हैं। माइक्रोप्रोसेसर सेंसर डेटा के आधार पर चाल की स्थिति का पता लगाता है। साफ्टवेयर का उपयोग करके दिव्यांगों के लिए चलने के विशिष्ट मानक सेट किए जा सकते हैं।

बताया जा रहा है कि एमपीके का विकास एक बहु-अनुशासनात्मक, बहु-स्तरीय गतिविधि थी। साहित्य के आधार पर एक विन्यास पर पहुंचने के बाद, उप-प्रणाली की आवश्यकताओं के आकलन के लिए किनेमेटिक्स विश्लेषण के माध्यम से इसे मान्य करते हुए, सिस्टम के कई मॉडल विकसित किए गए। एक इंजीनियरिंग मॉडल का उपयोग करके डिजाइन की व्यवहार्यता को सत्यापित किया गया था। प्रणाली में एक एल्यूमीनियम घुटना, एक सोलनॉइड वाल्व-आधारित स्पंज और एक छह-अक्ष लोड सेल शामिल था।                                                                                                                            


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