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ISRO अध्‍यक्ष के सिवन ने कहा- अगला अहम चरण 2 सितंबर को, इसी दिन ऑर्बिटर से अलग होगा लैंडर

चंद्रयान 2 के चंद्रमा के कक्षा में प्रवेश के बाद आगे की राह कैसी होगी इसके बारे में ISRO अध्‍यक्ष ने मीडिया ब्रीफिंग के जरिए तमाम जानकारी दी।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 10:16 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 01:11 PM (IST)
ISRO अध्‍यक्ष के सिवन ने कहा- अगला अहम चरण 2 सितंबर को, इसी दिन ऑर्बिटर से अलग होगा लैंडर

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Chandrayaan 2 ISRO Mission:  बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में चेयरमैन डॉक्टर के सिवन ने मीडिया ब्रीफिंग के जरिए चंद्रयान 2 के लूनर ऑर्बिट में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की आगे की राह के बारे में जानकारी दी। सिवन ने बताया कि मिशन सफल होने के बाद इसरो वैज्ञानिक मीडिया से बात करेंगे। आज हुई मीडिया ब्रीफिंग का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट और यू-ट्यूब चैनल के जरिए किया गया।  इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए इस बात की जानकारी पहले ही दे दी थी।

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2 सितंबर को अगला अहम चरण
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चंद्रयान 2 के मॉडल को हाथ में लेकर उन्‍होंने बताया कि किस तरह ऑर्बिटर से लैंडर अलग होगा। उन्‍होंने लैंडर विक्रम के अलग होने के बाद चुनौतियों के बारे में बताया कि कई चुनौतियां हैं। सबसे पहले उनकी गति को कंट्रोल करना। अध्‍यक्ष सिवन ने आगे बताया, 'अगला अहम चरण 2 सितंबर को होगा जब ऑर्बिटर से लैंडर निकल जाएगा। इसके बाद हमें दोनों हिस्‍सों का नियंत्रण करना होगा। ऑर्बिटर से अलग होने के बाद लैंडर चांद के चारों तरफ 100 किलोमीटर गुणा 30 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। अंतत: यह 7 सितंबर 2019 को यह चंद्रमा के साउथ पोल के क्षेत्र में प्रवेश करेगा।'

लैंडिंग की अवधि होगी खतरनाक
सिवन ने बताया कि पूरी एक्यूरेसी से काम कर रहे हैं, ताकि चंद्रयान-2 को चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतार सकें। उन्‍होंने कहा, 'जब हम सबकुछ सही पाएंगे तो चंद्रयान-2 को चांद पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी।' उन्‍होंने आगे बताया कि 7 सितंबर को प्रात:काल 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। यह लैंडिंग के दौरान की अवधि काफी खतरनाक होगी। इसके बाद उन्‍होंने वहां मौजूद पत्रकारों के सवालों का बेहतरीन और रोचक तरीके से जवाब दिया।

चंद्रयान 2 से डाटा मिलने का दुनिया को इंतजार
उन्‍होंने बताया, ' लैंडिंग के 5.5 घंटे बाद पहली तस्‍वीर मिलेगी। चंद्रयान 2 से डाटा के लिए दुनिया इंतजार कर रही है। साउथ पोलर एरिया के इस लैंडिंग साइट पर पहले कोई मिशन नहीं गया इसलिए दुनिया की नजरें इसपर टिकी हैं। यहां पानी और खनिजों को लेकर विशेष अध्‍ययन और जानकारियां एकत्रित की जाएंगी।'  उन्‍होंने बताया कि लैंडर से निकलते ही रोवर का कैमरा काम करना शुरू कर देगा। लैंडर से रोवर को निकलने में तीन घंटे का समय लगेगा।  साउथ पोल पर लैंडिंग के बाद रोवर मुख्‍यत: केमिकल कम्पोजिशन का अध्‍ययन करेगा।  

चंद्रयान 2  के मॉडल के जरिए समझाया लैंडिंग का प्रॉसेस
सबसे पहले उन्होंने इस मीडिया ब्रीफिंग में होने वाली देरी के लिए माफी मांगी। सिवन ने बड़ी ही रोचक तरीके से चंद्रयान 2 के मिशन के बारे में समझाया। उन्‍होंने हाथ में चंद्रयान 2 का एक मॉडल हाथ में ले रखा था जिसके जरिए उन्‍होंने बताया कि किस तरह ऑर्बिटर से लैंडर अलग होगा और फिर काम करेगा।

चंद्रयान 2 मिशन पर फिल्‍म के लिए इसरो की कॉपीराइट?
इसरो अध्‍यक्ष के सिवन से मीडिया ब्रीफ के दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि चंद्रयान 2 मिशन पर अगर फिल्‍म बनाने की बात होगी तो क्‍या इसरो इसपर कॉपीराइट रखता है। इसपर इसरो अध्‍यक्ष ने हंस कर जवाब दिया कि अभी तक इस बारे में किसी ने संपर्क नहीं किया है।

7 सितंबर को लैंडिंग देखने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रण
चंद्रयान 2 की लैंडिंग 7 सितंबर को रात 1.55 पर होगी। इसके साथ ही पावर मिशन शुरू हो जाएगा।  इसरो की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अभी पीएम की ओर से आने की पुष्टि नहीं की गई है।

मिशन का अहम दौर पूरा: इसरो अध्‍यक्ष
इसरो अध्‍यक्ष ने बताया, 'मिशन का अहम दौर पूरा हुआ। इसके साथ ही अंतरिक्ष में इसरो ने इतिहास रच दिया। उन्‍होंने बताया कि आज सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर चंद्रयान 2 चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया अब यह 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा।'

तमाम तरह के सवालों का इसरो अध्‍यक्ष ने हंसकर दिया जवाब
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इसरो अध्‍यक्ष के सिवन से तमाम तरह के सवाल पूछे गए, जिसका उन्‍होंने बड़ी ही आसानी से जवाब दिया। साथ ही, उन्‍होंने मिशन से जुड़ी सभी जानकारियों को शेयर किया। 15 दिनों बाद पेलोड वापस काम करने के सवाल पर अध्‍यक्ष ने शंका जताई। स्‍पेसक्राफ्ट के हेल्‍थ के बारे में उन्‍होंने कहा कि सब बढ़िया है।  

इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की गति धीमी हो जाएगी। साथ ही, ऑनबोर्ड प्रपल्‍शन सिस्टम को फायर किया जाएगा, ताकि यान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आ सके। इसरो के अध्‍यक्ष ने जानकारी दी थी कि चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्राफ्ट की दिशा में पांच बार बदलाव करेगा।

इसके बाद यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब- 100 किलोमीटर की दूरी की अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच जाएगा। इसके बाद विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।

इंडियन डीप स्‍पेस नेटवर्क (IDSN) के एंटीना की सहायता से बेंगलुरु के इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्‍स (MOX) से स्‍पेसक्राफ्ट की स्‍थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। इसके अनुसार, अभी तक चंद्रयान-2 के सभी सिस्‍टम बेहतर स्‍थिति में हैं।

चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसरो के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 की मदद से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं- ऑर्बिटर, लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान'।

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