मंगलयान पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंचा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने मंगल अभियान (मार्स आर्बिटर मिशन) के तहत एक दिसंबर को मंगलयान को उसके गंतव्य के मार्ग पर डालने की तैयारी कर रहा है। इस क्रम में बुधवार की सुबह 7.10 बजे इस अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंचा दिया गया। यह इस कक्षा में करीब चार दिन रहेगा। एक दिसंबर को मंगल
बेंगलूर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने मंगल अभियान (मार्स आर्बिटर मिशन) के तहत एक दिसंबर को मंगलयान को उसके गंतव्य के मार्ग पर डालने की तैयारी कर रहा है। इस क्रम में बुधवार की सुबह 7.10 बजे इस अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंचा दिया गया। यह इस कक्षा में करीब चार दिन रहेगा। एक दिसंबर को मंगल की कक्षा में पहुंचाने के लिए निर्धारित मार्ग से यह भटक जाए तो उसे सही रास्ते पर लाने के लिए इसरो ने चार चरणों की योजना बनाई है।
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इसरो के वैज्ञानिक सचिव वी कोटेश्वर राव ने संवाददाताओं को यहां कहा, 'हमलोग आगामी एक 31 नवंबर की रात 12 बजकर 49 मिनट (यानी एक दिसंबर के पहले घंटे में ) पर ट्रांस-मार्स इंजेक्शन की योजना बना रहे हैं व इसके तरल इंजन को करीब 23 मिनट तक जलाने जा रहे हैं। इसमें 198 किलो ईधन तो खर्च होगा लेकिन इसकी गति 648 मीटर प्रति सेकेंड हो जाएगी। इसके बाद यह करीब 68 करोड़ किलोमीटर तक तय रास्ते पर जाएगा।
यह वर्ष 2014 में 24 सितंबर को मंगल के करीब पहुंचेगा। इसके रास्ते से थोड़ा भी भटकने पर इसरो की नजर टिकी रहेगी। अभी हमलोगों ने ऐसा होने पर इसे रास्ते पर लाने के लिए चार बार सुधारने की योजना बनाई है। इसके लिए पहली बार 11 दिसंबर के एक दो दिन पहले या बाद में प्रयास किया जाएगा। यह इस पर निर्भर करेगा कि यह रास्ते से कितना विचलित हुआ है।
दूसरा प्रयास अगले वर्ष अप्रैल में और तीसरा अगस्त में किया जाएगा। इसके बाद चौथा और अंतिम सुधार 14 सितंबर, 2014 को किया जाएगा जो मंगल की कक्षा में प्रवेश के दस दिन पहले का समय होगा।
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