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दुश्मनों के रॉकेट, ड्रोन और मिसाइल को कैसे धुआं-धुआं कर देता है इजरायल, जानिए क्या है वह तकनीक

हमास ईरान और हिजबुल्लाह जैसे दुश्मनों द्वारा दागे गए रॉकेट ड्रोन और मिसाइलों के ताबड़तोड़ हमलों ( Israel High -Tech Missile Defense System ) से मुकाबला करने के लिए इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली सबसे अहम है। कम दूरी के रॉकेट से लेकर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों तक के खतरों से निपटने के लिए इजरायल 3 मिसाइल इंटरसेप्टर का इस्तेमाल करता है जिससे दुश्मनों के होश उड़ जाते है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Tue, 16 Apr 2024 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 04:32 PM (IST)
दुश्मनों से बचने का इजरायल का क्या है सीक्रेट (Image: Reuters)

ऑनलाइन डेस्क, यरूशलम। Iran-Israel Tension: मीडिल ईस्ट के दो देशों में इस समय अचानक तनाव बढ़ गया है। 13 अप्रैल की रात ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हर तरफ हमला बोला। हालांकि, 99 प्रतिशत मिसाइलें इजरायली हवाई क्षेत्र के बाहर ही नष्ट कर दिए गए जिससे कोई भारी नुकसान नहीं पहुंचा। दुनियाभर में इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर इजरायल खुद को इतने ड्रोन और मिसाइल के हमलों से खुद को कैसे बचा लेता है।

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हमास, ईरान और हिजबुल्लाह जैसे दुश्मनों द्वारा दागे गए रॉकेट, ड्रोन और मिसाइलों के ताबड़तोड़ हमलों से मुकाबला करने के लिए इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली सबसे अहम है। कम दूरी के रॉकेट से लेकर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों तक के खतरों से निपटने के लिए इजरायल 3 मिसाइल इंटरसेप्टर का इस्तेमाल करता है, जिससे दुश्मनों के होश उड़ जाते है।

क्या है वो 3 रक्षक प्रणाली?

  • आयरन डोम सिस्टम
  • डेविड स्लिंग
  • एरो 2 और 3

आइये आपको बताते है कि ये तीनों सिस्टम कैसे काम करते हैं।

आयरन डोम सिस्टम

वर्ष 2011 से इजरायल आयरन डोम रॉकेट का इस्तेमाल करता आ रहा है। यह जमीन से हवा में हमला करता है। यह दुश्मनों की तरफ से आने वाले रॉकेट, गोले और विमान का पता लगाकर उन्हें हवा में ही नष्ट कर देता है। यह रडार का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन केवल आबादी वाले क्षेत्रों में खतरों को रोकता है।

डेविड स्लिंग

आयरन डोम की ही तरह डेविड स्लिंग भी है। वर्ष 2017 से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मध्यम दूरी की मिसाइलों को निशाना बनाता है। यह भी ड्रोन, मिसाइल और गोले का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम रहता है। यह लगभग 25 से 186 मील तक की रेंज में फायर करने में सक्षम है।

एरो 2

एरो 2 को वर्ष 2000 में तैनात किया गया था। यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाती हैं। इसे हत्ज के नाम से जाना जाता है जिसका वजन लगभग 1300 किलोग्राम है। इसकी कीमत करीब 3 मिलियन डॉलर है। यह इजरायल हवाई क्षेत्र से लगभग 200 किमी दूर मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता रखता है। पिछले साल हूती द्वारा दागी गई मिसाइल को नष्ट करने के लिए इजरायल ने इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया था। एरो 2 मानक इंटरसेप्टर का उपयोग करता है।

एरो 3

वर्ष 2017 से इजरायल इसका इस्तेमाल कर रहा है। यह वो रक्षा प्रणाली है जो लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाती है। ऐसा दावा किया जाता है कि एरो 3 की गति काफी तेज है और यह अंतरिक्ष में उड़ रही मिसाइल को भी नष्ट करने की क्षमता रखती है।

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