नौसेना के लिए मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद के लिए इजरायल से समझौता
सरकारी कंपनी इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने भारत के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता किया है।
येरुशलम (पीटीआई)। सरकारी कंपनी इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आइएआइ) ने रविवार को बताया कि उसने भारत के साथ एक और बड़ा रक्षा समझौता किया है। 63 करोड़ अमेरिकी डॉलर के इस समझौते के तहत कंपनी भारतीय नौसेना के चार युद्धपोतों के लिए लंबी दूरी की अत्याधुनिक हवाई एवं मिसाइल रक्षा (एलआरएसएएम) प्रणाली की आपूर्ति करेगी।
यह समझौता 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि भारत सरकार के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ संयुक्त रूप से इसे कार्यान्वित किया जाएगा। पिछले महीने ही भारतीय सेना और नौसेना के लिए मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए इजरायल ने दो अरब अमेरिकी डॉलर का समझौता किया था। एलआरएसएएम प्रणाली का विकास आइएआइ और भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से किया है।
यह विभिन्न हवाई, नौसैनिक और हवा में उत्पन्न खतरों से पूरी सुरक्षा प्रदान करती है। इसका इस्तेमाल फिलहाल भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और इजरायली रक्षा बलों में किया जा रहा है। भारतीय थल सेना भी जल्द ही इसकी तैनाती कर सकती है। इस प्रणाली का पिछले हफ्ते भारत में सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया गया था। सौदे को पहली बार भारत सरकार की कंपनी बीईएल के साथ मिलकर कार्यान्वित किया जाएगा। बीईएल इस सौदे में प्रमुख कांट्रैक्टर होगी।
इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जोसेफ वेइस ने कहा, 'अपने तरह की यह अनोखी परियोजना भारत के डीआरडीओ, आइएआइ और दोनों देशों के रक्षा बलों के बीच निकट सहयोग को प्रदर्शित करती है। हम संयुक्त प्रयासों से इसके कार्यान्वयन पर आगे बढ़ेंगे।'
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