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झूठा मुकदमा चलाने पर जांच अधिकारी को देना होगा एक रुपये मुआवजा

जिला जज एसबी बहालकर ने इस महीने की शुरुआत में सुनाए गए फैसले में कहा कि जांच अधिकारी आरबी मोरे ने इस मामले में तीनों को गलत तरीके से आरोपित किया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 07:44 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 07:44 AM (IST)
झूठा मुकदमा चलाने पर जांच अधिकारी को देना होगा एक रुपये मुआवजा

ठाणे, प्रेट्र। महाराष्ट्र की एक अदालत ने वर्ष 2007 में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में तीन आरोपितों को बरी कर दिया। कोर्ट ने जांच अधिकारी को आदेश दिया कि वह तीनों को अपने वेतन से एक-एक रुपये बतौर मुआवजा अदा करे।

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जिला जज एसबी बहालकर ने इस महीने की शुरुआत में सुनाए गए फैसले में कहा कि जांच अधिकारी आरबी मोरे ने इस मामले में तीनों को गलत तरीके से आरोपित किया। पड़ोसी पालघर के वसई निवासी सत्यनारायण जगन्नाथ मिश्रा, शंकर जगन्नाथ मिश्रा, वीरेंद्र केदारनाथ वर्मा, संजय सत्यनारायण मिश्रा और संतोष उर्फ पप्पू सत्यनारायण मिश्रा के खिलाफ हत्या व साक्ष्य मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। सत्यनारायण मिश्रा व वीरेंद्र वर्मा की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि बाकी तीन को कोर्ट ने बरी कर दिया।

आरोपितों का वसई में कारोबार था। वहीं पीडि़त इकबाल उर्फ पप्पू का गैरेज और फूड स्टॉल था। आरोपित चाहते थे कि इकबाल जगह खाली कर दे, जिसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। अभियोजन का आरोप था कि इसी विवाद में आरोपितों ने सात जनवरी 2007 को इकबाल की हत्या कर दी थी।


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