चोकसी के खिलाफ आरसीएन पर अगले महीने विचार करेगा इंटरपोल
सीबीआइ ने भगोड़े कारोबारी को भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले का मास्टर माइंड माना है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ लंबित रेड कार्नर नोटिस (आरसीएन) पर इंटरपोल की आंतरिक समिति अक्टूबर में विचार करेगी। भारतीय एजेंसियों ने भगोड़े कारोबारी के खिलाफ मजबूती से मामला उठाया है। यह जानकारी शुक्रवार को अधिकारी ने दी।
चोकसी के प्रतिनिधित्व के बाद इंटरपोल ने आरसीएन आग्रह लंबित रख लिया था। चोकसी ने आरोप लगाया था कि उसके खिलाफ मामला राजनीतिक रंजिश का परिणाम है। उसने भारत में जेलों की स्थिति, अपनी निजी सुरक्षा और स्वास्थ्य एवं अन्य मुद्दे भी उठाए।
सीबीआइ ने उसके दावों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस भगोड़े कारोबारी को भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले का मास्टर माइंड माना जाता है। पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला कर यह कारोबारी फरार हुआ है।
गेंद अब इंटरपोल की पांच सदस्यीय समिति के पाले में है। इस समिति को कमिशन फार कंट्रोल ऑफ फाइल्स कहा जाता है। अगले महीने समिति दोनों पक्षों की दलील पर विचार करेगी और चोकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने पर व्यवस्था देगी।
नीरव के खिलाफ कदम उठा चुका है इंटरपोल
चोकसी के भांजे नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर चुका है। इस अपराध में नीरव साझीदार रहा है। भारत से इस वर्ष फरार होने के बाद उसे ब्रिटेन में देखा गया था। उसकी स्थिति की पुष्टि होने के बाद प्रत्यर्पण आग्रह भेजा जा चुका है।
सतर्क चोकसी ने पहले ही बनाई थी योजना
चोकसी इस मामले में ज्यादा सतर्क रहा और लगता है कि उसने भगाने के बारे में पहले ही योजना बना ली थी। उसने पिछले वर्ष एंटीगुआ बारबुडा की नागरिकता ले ली। राष्ट्रीयता प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस वर्ष 15 जनवरी को उसने नागरिकता की शपथ भी ले ली। अब उसपर एंटीगुआ का कानून लागू होगा इसलिए रेड कार्नर नोटिस का लाभ कम मिलने की संभावना है। एंटीगुआ ने उसे भारत वापस भेजने के बारे में अनिच्छा जताई है।