इंटर्न ने कमेटी के समक्ष दर्ज कराए बयान
पूर्व न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रशिक्षु महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करा दिए। इस मामले में महिला वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश के अनुरोध किया है कि जांच कमेटी पुनर्गठित की जाए और उसकी अध्यक्ष महिला हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रशिक्षु महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करा दिए। इस मामले में महिला वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश के अनुरोध किया है कि जांच कमेटी पुनर्गठित की जाए और उसकी अध्यक्ष महिला हो।
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गौरतलब है कि प्रशिक्षु वकील के आरोपों की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश पी सतशिवम ने आरोपों की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों की एक कमेटी गठित की है। कमेटी ने प्रशिक्षु महिला वकील को सम्मन भेज कर बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया था।
सोमवार के करीब साढ़े चार बजे प्रशिक्षु कमेटी के सामने अपना बयान दर्ज कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंची। करीब दो घंटे तक वह अंदर रही और ंउसके बयान दर्ज हुए। कमेटी की अगली बैठक 20 नवंबर को होगी। इस बात की जानकारी सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल रवींद्र मैथानी ने दी। उन्होंने कुछ और बताने से इन्कार कर दिया और कहा कि प्रशिक्षु वकील ने अपने बयानों की गोपनीयता बनाए रखने का अनुरोध किया है।
इस मामले की जांच न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा, एचएल दत्तू व रंजना प्रकाश देसाई की तीन सदस्यीय पीठ कर रही है। मैथानी जांच समिति के सदस्य सचिव हैं। इसी बीच, कमेटी को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया। कई महिला वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि विशाखा मामले में हुए फैसले के अनुसार प्रशिक्षु की शिकायत की जांच के लिए नई कमेटी बनाई जाए।
गौरतलब है कि उस फैसले में तय दिशा निर्देशों के मुताबिक जांच कमेटी की अध्यक्ष महिला होनी चाहिए, साथ ही दो तिहाई सदस्य भी महिला होनीं चाहिए।
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