Move to Jagran APP

हिंद महासागर में भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने के ल‍िए कल सौंपा जाएगा आइएनएस विशाखापत्तनम

आइएनएस विशाखापत्तनम रविवार को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। मुंबई डाकयार्ड में आयोजित होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। आइएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग आफिसर कैप्टन बिरेंद्र सिंह बैंस ने कहा नौसेना में शामिल कर लेने के बाद हम इसके कुछ और परीक्षण जारी रखेंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 09:39 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 09:49 PM (IST)
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने के ल‍िए कल सौंपा जाएगा आइएनएस विशाखापत्तनम
युद्धपोत आइएनएस विशाखापत्तनम रविवार को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा।

 मुंबई, एएनआइ। युद्धपोत आइएनएस विशाखापत्तनम रविवार को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। मुंबई डाकयार्ड में आयोजित होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। आइएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग आफिसर कैप्टन बिरेंद्र सिंह बैंस ने कहा, नौसेना में शामिल कर लेने के बाद हम इसके कुछ और परीक्षण जारी रखेंगे। हमने अपनी आनबोर्ड मशीनरी, विभिन्न सहायक, हथियार प्रणालियों और सेंसर में सुधार किया है।

loksabha election banner

ज्ञात हो कि आइएनएस विशाखापत्तनम को भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा रहा है। मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड द्वारा इसे बनाया गया है। यह नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी का हिस्सा है। यह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर है। इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों से तैयार किया गया है। वहीं, 28 नवंबर को कलवरी क्लास की चौथी पनडुब्बी वेला भी नौसेना में शामिल कर ली जाएगी। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह मुख्य अतिथि होंगे।

विशाखापत्तनम के शामिल होने से विशिष्ट समूह में शामिल होगा भारत

विशाखापत्तनम के शामिल होने से भारत के उन्नत युद्धपोतों के डिजाइन और निर्माण की क्षमता वाले राष्ट्रों के विशिष्ट समूह में शामिल होने की पुष्टि हो जाएगी। इसमें विभिन्न स्वदेशी उपकरणों के अलावा कई प्रमुख स्वदेशी हथियार भी लगाए गए हैं, जिनमें भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड लिमिटेड द्वारा विकसित स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस एरोस्पेस की सतह से सतह में मार करने में सक्षम मिसाइलें और एलएंडटी द्वारा निर्मित तारपीडो व लांचर्स शामिल हैं। इस तरह इसके निर्माण में करीब 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। वर्तमान में विभिन्न भारतीय पोत कारखानों (शिपयार्ड) में 39 नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, जिनसे भारत की समुद्री क्षमता को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

पनडुब्बी का निर्माण बेहद जटिल प्रक्रिया है। इसमें पनडुब्बी के भीतर छोटे-छोटे उपकरणों को व्यवस्थित तरीके से लगाना होता है क्योंकि उसके अंदर जगह बेहद संकुचित होती है। बेहद कम देशों के पास इसकी औद्योगिक क्षमता होती है। पिछले 25 साल में भारत ने अपनी पनडुब्बियां बनाने की क्षमता साबित कर दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.