नाटो ने कराई आइएनएस विक्रमादित्य की जासूसी
पांच साल की देरी से रूस द्वारा भारत को सौंपे गए युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य (पूर्व नाम एडमिरल गोर्शकोव) की नाटो ने जासूसी कराई थी। हालांकि, जासूसी कराने वाले नाटो के सदस्य देश के नाम का खुलासा नहीं किया गया। खबरों के मुताबिक रूसी नौसेना की निगरानी में जब आइएनएस विक्रमादित्य के परीक्षण चल रहे थे, उस दौ
नई दिल्ली। पांच साल की देरी से रूस द्वारा भारत को सौंपे गए युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य (पूर्व नाम एडमिरल गोर्शकोव) की नाटो ने जासूसी कराई थी। हालांकि, जासूसी कराने वाले नाटो के सदस्य देश के नाम का खुलासा नहीं किया गया।
आइएनएस विक्रमादित्त की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खबरों के मुताबिक रूसी नौसेना की निगरानी में जब आइएनएस विक्रमादित्य के परीक्षण चल रहे थे, उस दौरान नाटो के एक सदस्य देश का जासूसी जहाज युद्धपोत के काफी करीब आ गया था। जासूसी करने वाले जहाज की पहचान अमेरिका द्वारा निर्मित पी-3सी ओरिऑन के तौर पर की गई है।
आइएननएस विक्रमादित्य में भारत के मित्र और विरोधी गुट के देशों की दिलचस्पी बढ़ गई है। ये राष्ट्र रूस निर्मित इस युद्धपोत की क्षमताओं के बारे में जानकारी जुटाने की जुगत में हैं।
विक्रमादित्य को बीते शनिवार को रूस के सेवमाश में भारत को सौंपा गया है। इसमें वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली नहीं है। विक्रमादित्य को अन्य युद्धपोतों की निगरानी में कर्नाटक के कारवाड़ स्थित नौसैनिक अड्डे पर लाया जाएगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर