बंद हो गया 85 साल पुराना 'रीगल टॉकीज', अब रह गईं बस यादें
राजकपूर दिलीप कुमार देवानंद अशोक कुमार अनिल कपूर जैसी हस्तियां भी रीगल टॉकीज में आ चुकी हैं। यहां आखिरी शो ड्रीमगर्ल फिल्म का था।
इंदौर, जेएनएन। देश के कुछ पुराने टॉकीज में से एक रीगल टॉकीज अब बंद कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर में 85 साल पुराने रीगल टॉकीज को बंद कर दिया गया है और अब ये इतिहास का हिस्सा हो गया है। नगर निगम ने अब टॉकीज की जमीन का कब्जा ले लिया। इस टॉकीज में कभी सूट पहनकर आना अनिवार्य था तो काफी समय तक यहां महिलाओं के बैठने की अलग जगह हुआ करती थी। इस टॉकीज में दाखिल होना कभी शान की बात होती थी। रीगल टॉकीज में पहली फिल्म राजा हरिशचंद्र रिलीज हुई थी और ड्रीम गर्ल आखिरी फिल्म साबित हुई।
कई कानूनी दांव-पेंच के बाद इसकी लीज का नवीनीकरण न होने से यह स्थिति बनी। पिछले दिनों नगर निगम के कब्जे के समय टॉकीज बंद थी। न तो वहां कोई फिल्म चल रही थी, न ही दर्शक थे। निगम की इस कार्रवाई के साथ ही इसका स्वर्णिम सफर खत्म हो गया। इसका इतिहास होलकर राजाओं से जुड़ा है। सन 1930 में महाराजा तुकोजीराव होलकर ने मनोरंजन केंद्र के लिए लीज पर धन्नालाल ठाकुरिया को यह जगह दी थी। 1934 में यहां टॉकीज बनकर तैयार हुई। इसमें महाराजा के लिए एक विशेष बॉलकनी बनाई गई थी, जिसमें बैठकर राजपरिवार के सदस्य फिल्म देखते थे
टॉकीज में प्रवेश के लिए जरूरी था सूट पहनकर आना
एक जमाने में रीगल टॉकीज में उन्हीं दर्शकों को प्रवेश मिलता था, जो सूट पहनकर फिल्म देखने आते थे। शहर के मध्य में होने और आवागमन के साधन आसानी से उपलब्ध होने से यह दर्शकों की पहली पसंद रही।
शर्त थी सिर्फ अंग्रेजी फिल्म ही होगी रिलीज
रीगल टॉकीज को शुरुआत में अनुमति पत्र इसी शर्त पर मिला था कि यहां सिर्फ अंग्रेजी भाषा की ही फिल्में प्रदर्शित होंगी और मैनेजर भी अंग्रेज ही होगा। इसके पहले मैनेजर स्मिथ थे। जब दर्शकों की संख्या घटने लगी तो हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति मिली थी।
20 साल तक महिलाओं के लिए अलग बैठक व्यवस्था
1940 से 1960 तक टॉकीज में महिलाओं के बैठने की अलग व्यवस्था थी। इसके बाद फिल्म देखने आने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा होने लगा तो सुरक्षित श्रेणी समाप्त कर दी गई।
कई सितारे भी आ चुके हैं
इस टॉकीज में राजकपूर, दिलीप कुमार, देवानंद, अशोक कुमार, अनिल कपूर जैसी हस्तियां भी आई हैं। संस्कृतिकर्मी संजय पटेल बताते हैं कि रीगल में जाना ही प्रतिष्ठा वाली अनुभूति होती थी। गीतकार स्वानंद किरकिरे बताते हैं कि रीगल टॉकीज हमेशा मेरी यादों में बसी रहेगी।
पार्किंग, मेट्रो स्टेशन के लिए हो सकता है इस्तेमाल
निगम उपायुक्त प्रताप सिंह सोलंकी ने बताया कि रीगल टॉकीज की जमीन का उपयोग जनहित के लिए होगा। मार्केट विभाग ने यहां जनता के लिए बहुमंजिला पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि यहां स्मार्ट सिटी की कोई परियोजना आ सकती है या मेट्रो स्टेशन भी बनाया जा सकता है। यह जमीन शहर के हृदयस्थल में है और करोड़ों रुपये की है।