'शादी छूटी, एग्जाम मिस हुआ...और अब', फ्लाइट कैंसिल होने पर अमेरिका में रिफंड के साथ मुआवजा भी; भारत में क्या हैं नियम?
इंडिगो की फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों को परेशानी हुई, कई लोगों को नुकसान हुआ। इंडिगो ने रिफंड और लगेज के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया है। DGCA ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में IndiGo की फ्लाइट रद होने से हवाई यात्रा करने वाले भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रियों को कई-कई घंटे तक एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा। कोई अपनी ही शादी में नहीं पहुंच पाया तो किसी ने ऑनलाइन ही रिसेप्शन अटेंड किया। किसी का एग्जाम छूट गया तो किसी की ज्वाइनिंग नहीं हो पाई। जिन यात्रियों ने IndiGo की टिकट बुक की थी, न तो उन्हें यात्रा करने को मिल रही है और न ही उनका पैसा रिफंड मिला है। कई यात्रियों को अभी तक अपना लगेज भी वापस नहीं मिल पाया है।
IndiGO की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, एयरलाइन ने शिकायतों से निपटने व त्वरित सहातया के लिए एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया है, जो रिफंड और लगेज रिटर्न में तेजी लाने के लिए काम करेगा। वहीं 9000 में से 4500 लगेज ग्राहकों तक पहुंचा दिए गए हैं और बचे हुए लगेज को अगले 36 घंटे में डिलीवर करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 827 करोड़ का रिफंड भी कर दिया गया है। खैर ये तो हुई पिछले एक हफ्ते से इंडिगो की फ्लाइट रद होने से यात्रियों को हुई परेशानी और अब रिफंड और लगेज का इंतजार कर रहे हैं।
क्या आपको पता है कि भारत रिफंड और फ्लाइट फेयर को लेकर क्या नियम हैं? अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में उड़ानों के रद/देरी/कैंसिलेशन की स्थिति में यात्रियों को क्या-क्या अधिकार मिलते हैं? आइए हम आपको बताते हैं..
भारत में फ्लाइट रिफंड और कैंसिलेशन नियम
नागर विमानन निदेशालय (DGCA) के मुताबिक,
- फ्लाइट एयरलाइन की गलती से कैंसिल होने पर..
- पूरा पैसा रिफंड मिलेगा।
- कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं काटा जाएगा।
- कोई हिडन फीस नहीं लगेगी।
- रिफंड 7–10 दिन में मिलना चाहिए।
रिशेड्यूल विकल्प मुफ्त मिलता है: यात्री चाहे तो बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दूसरी फ्लाइट चुन सकता है।
फ्लाइट 2-6 घंटे तक लेट हो तो क्या होगा?
देरी के हिसाब से यात्रियों को मिलते हैं ये अधिकार...
2 से 6 घंटे की देरी पर
- फ्री खाना, स्नैक्स और पानी।
- कम्युनिकेशन की सुविधा - जैसे कॉल/मैसेज
6 घंटे से ज्यादा देरी
- फुल रिफंड या
- उसी दिन दूसरी फ्लाइट- बिना चार्ज।
ओवरबुकिंग की स्थिति में क्या होगा?
अगर एयरलाइन अधिक टिकट बेच दे और सीट न बचने की स्थिति में अगर यात्री को जबरन बोर्डिंग से रोका गया हो तो...
- 200% से 400% तक फेयर के बराबर मुआवजा।
- वैकल्पिक फ्लाइट का ऑप्शन।
- खाना–ठहरने की सुविधा।
अगर यात्री टिकट कैंसिल करे तो रिफंड के क्या नियम हैं?
यदि यात्री खुद टिकट कैंसिल करे तो..
- रिफंड मिलेगा, लेकिन एयरलाइन चार्ज काट सकती है।
- रिफंड कैंसिलेशन के तरीके और समय पर निर्भर करता है।
- विंडो सीट जैसी ऐड-ऑन सेवाओं का रिफंड नहीं मिलता।
- 'नो-शो' हो जाए तो रिफंड कम मिलता है।
अब बात करते हैं कि फ्लाइट फेयर रिफंड को लेकर विकसित देशों में क्या नियम हैं..
अमेरिका में हवाई यात्रियों के क्या अधिकार हैं?
अमेरिका में नियम बेहद सख्त हैं और यात्रियों के पक्ष में हैं।
- फ्लाइट कैंसिल होने पर पूरा रिफंड देना अनिवार्य है।
- अगर फ्लाइट कैंसिल हो जाए या काफी देर हो जाए, तब भी रिफंड देना होगा चाहे टिकट नॉन-रिफंडेबल ही क्यों न हो।
- फ्लाइट बदलने पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा।
फ्लाइट में लंबी देरी होने पर..
- अगर देरी इतनी अधिक है कि यात्री यात्रा ही छोड़ दे तो रिफंड अनिवार्य है। हालांकि, अमेरिका में लंबी देरी को लेकर घंटे निर्धारित नहीं किए गए हैं।
ओवरबुकिंग होने पर क्या होता है
- ओवरबुकिंग के चलते बोर्डिंग से मना करने पर टिकट के मूल्य का 200% से 400% तक रिफंड देना होगा।
- अगर यात्री स्वयं सीट छोड़ता है एयरलाइन मोटी रकम, वाउचर या अपग्रेड ऑफर कर सकती है।
बैगेज खोने पर क्या है नियम?
- अधिकतम $3800 तक का मुआवजा दिया जाता है।
ब्रिटेन में क्या हैं हवाई यात्रियों के लिए नियम?
ब्रिटेन में हवाई यात्रा को लेकर लागू नियम यूरोपियन यूनियन के EU261 कानून से मिलते-जुलते हैं।
फ्लाइट लेट होने पर देना होगा मुआवजा
- 3 घंटे से अधिक देरी होने पर यात्री को 220 से 520 पाउंड तक का मुआवजा देना होगा।
- अगर इंतजार लंबा हो तो खाना, होटल, एयरपोर्ट से होटल जाने तक के लिए ट्रांसपोर्टेशन भी एयरलाइन देती है।
फ्लाइट रद्द होने की स्थिति में
- पूरा रिफंड या वैकल्पिक फ्लाइट।
- 14 दिन पहले सूचना न देने पर आर्थिक मुआवजा भी देना होगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों - ब्रिटेन व जर्मनी फ्लाइट कैंसिल होने या देरी होने पर यात्रियों के अधिकार में साफ और स्पष्ट नियम हैं, जिनके जरिये यात्री कोर्ट में भी जा सकता है। भारत में नियम तो हैं, लेकिन अभी इंडिगो वाले घटनाक्रम से साफ होता है कि यात्रियों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

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