Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'लापरवाह, बेफिक्र रवैया', एयरएशिया इंडिया के पूर्व CFO ने बताया कि इंडिगो ने कौन से गलत कदम उठाए?

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 06:10 PM (IST)

    एयरएशिया इंडिया के पूर्व सीएफओ विजय गोपालन ने इंडिगो फ्लाइट्स कैंसिल होने की समस्या पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDT ...और पढ़ें

    Hero Image

    इंडिगो संकट पर क्या बोले विजय गोपालन?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिगो फ्लाइट्स कैंसिल होने की लगातार समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में एयरएशिया इंडिया के पूर्व CFO विजय गोपालन ने इस बारे में अपने विचार शेयर किए। उन्होंने बताया कि यह स्थिति फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों में बदलाव से कैसे बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोपालन ने इंडिगो एयरलाइंस के सामने आए संकट पर कुछ आम सवालों के जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने नए एफडीटीएल नियमों पर जोर दिया, जिनके तहत पायलट को 48 घंटे का आराम मिलना जरूरी है, जबकि पहले यह आराम का समय 36 घंटे था। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि यह कन्फ्यूजन हुआ।

    किस वजह से हुआ कन्फ्यूजन?

    उन्होंने कहा, "अगर वे कहते हैं कि पिछला नियम यह था कि उन्हें 36 घंटे का आराम चाहिए था, तो अब वे कहते हैं कि आपको 48 घंटे का आराम चाहिए। इसका मतलब है कि पायलट के उड़ने के लिए उपलब्ध घंटों की संख्या कम हो जाती है। जब तक आप पायलटों की संख्या नहीं बढ़ाते, तब तक आपके सभी विमानों को चलाने के लिए उपलब्ध पायलटों की संख्या, इसलिए, लॉजिकली कम हो जाती है।"

    Passengers At Airport

    उन्होंने यह भी साफ किया कि पायलटों को रिक्रूट करना उतना आसान नहीं है जितना कई लोग सोचते हैं। इसमें जरूरी नोटिस पीरियड पूरा करना होता है। गोपालन ने कहा, "अगर कोई पायलट भारत में दो एयरलाइंस के बीच जाना चाहता है और अगर आप सीनियर पायलट हैं तो 12 महीने का जरूरी नोटिस पीरियड होता है। और अगर आप को-पायलट हैं, तो नोटिस पीरियड 6 महीने का होता है। इसलिए, आप ऐसे ही लोगों को नौकरी पर नहीं रख सकते।"

    पायलट को हायर करने में रखना पड़ता है इन बातों का ध्यान

    वीडियो में आगे उन्होंने बताया कि पायलटों को हायर करने में टाइप-रेटिंग, लंबी ट्रेनिंग और कई दूसरी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने आपको बताया, एक तो नोटिस पीरियड होता है। दूसरा, अगर आप नए पायलट लाना चाहते हैं, तो उन्हें टाइप-रेटेड होना चाहिए। उन्हें ट्रेनिंग से गुजरना होगा। उन्हें कम से कम जरूरी फ्लाइंग घंटे पूरे करने होंगे। मुझे नहीं लगता कि भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर इनमें से किसी भी चीज को सपोर्ट करता है। यह एक लंबी प्रक्रिया है। यह आसान नहीं होने वाला है। मैं इतनी आसानी से बेंच स्ट्रेंथ नहीं बना सकता।"

    कैसिलेशन की क्यों हो रही समस्या?

    गोपालन ने पिछले दो-तीन दिनों से हो रही फ्लाइट कैंसिलेशन की संख्या के पीछे का लॉजिक भी समझाया, "उन्होंने जरूरी आराम का समय 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया है, जिसका मतलब है कि उपलब्ध फ्लाइंग घंटों में लगभग 20 से 25 परसेंट की कमी आई है। अगर आप अपने स्टाफ को ठीक से मैनेज नहीं करते हैं, तो 25 परसेंट फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ेंगी। इंडिगो रोजाना लगभग 2,200 फ्लाइट ऑपरेट करती है। तो इसका 25 परसेंट लगभग 500 से 550 होता है।"

    Indigo Crisis

    उन्होंने बताया, "इंडिगो हमेशा से एक बहुत ही लीन और मीन मशीन रही है और यह कोई नई बात नहीं है। शुरू से ही सब कुछ बहुत लीन रहा है। वे एक लो-कॉस्ट कैरियर हैं। दूसरी एकमात्र महत्वपूर्ण एयरलाइन एयर इंडिया है। एयर इंडिया के पास, शायद, क्योंकि उनके कई विमान वैसे भी ग्राउंडेड हैं, इसलिए उनके पास उन विमानों से सरप्लस पायलट होंगे जो इस जरूरत को पूरा कर सकें।"

    गोपालन ने की इंडिगो की आलोचना

    उन्होंने बताया कि ये कैंसलेशन अचानक नहीं हुए थे। यह जानते हुए कि नए नियमों से एयरलाइंस पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ेगा, उन्होंने इंडिगो को इसके लिए अच्छी तैयारी न करने का दोषी ठहराया, "यह सब अचानक नहीं हुआ। सरकार ने यह नोटिफिकेशन 2024 में ही काफी पहले जारी कर दिया था, जिसमें बताया गया था कि ऐसा होने वाला है।"

    उन्होंने इस गड़बड़ी के लिए इंडिगो की आलोचना करते हुए कहा, "सच कहूं तो, मुझे लगता है कि यह बहुत ज्यादा... इसका एकमात्र कारण एयरलाइन का बहुत ही लापरवाह और बेपरवाह रवैया था।"

    यह भी पढ़ें: 'कितनी भी बड़ी एयरलाइन क्यों न हो...', IndiGo संकट के बीच केंद्रीय मंत्री ने फिर दी चेतावनी