उड़ रहा देश के सर्वोच्च सम्मान का मजाक, पीएम के हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल
द स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रिहेब्शन ऑफ इंप्रापर यूज) एक्ट 2005 के तहत अगर कोई आम आदमी अशोक स्तंभ का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
भोपाल, नईदुनिया। सोशल मीडिया में इन दिनों एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। यही नहीं इसके जरिए भारत के राष्ट्रीय चिन्ह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
इस पोस्ट में बताया जाता है कि भारत सरकार आपको किस क्षेत्र में भारत रत्न देगी। इसमें लिंक है, जिसको क्लिक करने से उस एप पर पहुंचा जा सकता जिसमें आपको तमाम जानकारियां फीड करनी होती हैं। हाई एनालाइज डाट मी नाम के इस ऐप में जानकारियां फीड करते ही पोस्ट फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफार्म पर वायरल होने लगती है, जिसमें फोटो के साथ एक सम्मान पत्र दिखाई देता है। इसमें सबसे ऊपर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह बना हुआ है। बीच में भारत रत्न का निशान पीपल का पत्ता है और नीचे की तरफ प्रधानमंत्री हस्ताक्षर बने हुए हैं।
कानून के जानकारों के मुताबिक, इस तरह से राष्ट्रीय चिन्ह का उपयोग गैरकानूनी है। साथ ही यह भारत के सर्वोच्च सम्मान का भी अपमान है। अधिवक्ता अनिल शुक्ला ने बताया कि यह मामला धोखाधड़ी और जालसाजी का बनता है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।
पिछले कुछ दिनों में इस तरह की पोस्ट और लिंक का चलन बढ़ा है, जिसमें कभी आपको बताया जाता है कि आप किसके जैसे दिखते हैं तो कभी बताया जाता है आप पिछले जन्म में क्या थे। लेकिन राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर इस तरह का पोस्ट पहली बार वायरल हो रहा है।
ये हैं कानून
द स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रिहेब्शन ऑफ इंप्रापर यूज) एक्ट 2005 के तहत अगर कोई आम आदमी अशोक स्तंभ का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जा सकती है। सेक्शन-3 के तहत उसे दो साल की सजा या फिर 5,000 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है। इसी तरह से राष्ट्रीय ध्वज की बेअदबी के लिए प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल आनर्स एक्ट 1971 में 2002 में संशोधन करते हुए इसमें फ्लैग कोड ऑफ इंडिया को शामिल किया गया था। इसके तहत छह महीने से दो साल की सजा और 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
ये कर सकते हैं इस्तेमाल
अशोक स्तंभ को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, यूनियन मिनिस्टर, गवर्नर, पार्लियामेंट्री ऑफिसर, जज, प्लानिंग कमीशन के मेंबर, चुनाव कमिश्नर, राजदूत, मुख्यमंत्री, मंत्री, एमपी, एमएलए ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह से राष्ट्रीय ध्वज को भी यही लोग अपनी गाडि़यों पर इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्वज को गाड़ी के आगे ही लगाया जा सकता है और वह भी तयशुदा साइज और रंगों का होना चाहिए।