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भारत के पनडुब्बी आधुनिकीकरण में हिस्सेदारी की होड़

नई दिल्ली [जाब्यू]। रक्षा मंत्रालय के बजट में कटौती के बावजूद सैन्य आधुनिकीकरण की नई परियोजनाओं की तैयारियां जारी हैं, जिनमें से एक है भारत के पनडुब्बी बेड़े को नया बनाने वाला प्रोजेक्ट-75 इंडिया। इस परियोजना में विदेशी साथी तलाशने की कवायद के बीच रूस, स्पेन, जर्मनी समेत कई मुल्कों ने अपनी दावेदारी की पेशबंदी तेज कर दी है।

By Edited By: Published: Mon, 07 Jan 2013 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2013 09:33 PM (IST)
भारत के पनडुब्बी आधुनिकीकरण में हिस्सेदारी की होड़

नई दिल्ली [जाब्यू]। रक्षा मंत्रालय के बजट में कटौती के बावजूद सैन्य आधुनिकीकरण की नई परियोजनाओं की तैयारियां जारी हैं, जिनमें से एक है भारत के पनडुब्बी बेड़े को नया बनाने वाला प्रोजेक्ट-75 इंडिया। इस परियोजना में विदेशी साथी तलाशने की कवायद के बीच रूस, स्पेन, जर्मनी समेत कई मुल्कों ने अपनी दावेदारी की पेशबंदी तेज कर दी है।

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सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों भारत आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर वार्ता के दौरान प्रोजेक्ट-75 इंडिया में रूसी आमूर-1650 पनडुब्बी को जगह दिलाने की जोरदार वकालत की। रूसी खेमे का दावा था कि उसने भारतीय नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पनडुब्बी को तैयार किया है। चंद माह पहले भारत आए स्पेन नरेश ने भी स्पेनिश पनडुब्बी कंपनी निवांतिया की एस-80 पनडुब्बी के लिए पेशबंदी की थी। इस दौड़ में जर्मन पनडुब्बी एचडीडब्ल्यू यू-214 भी है।

रक्षा मंत्री एके एंटनी की अगुआई वाली खरीद परिषद से इस परियोजना के लिए हरी झंडी हासिल कर चूका नौसेन मुख्यालय जल्द ही विदेशी तकनीकी सहयोगी चुनने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी कर रहा है। भारत अपना पनडुब्बी बेड़ा मजबूत बनाने के लिए प्रोजेक्ट-75 इंडिया [पी-75आइ] नामक एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत तकनीकी सहयोग के लिए साथी तलाश रहा है। महत्वपूर्ण है कि पी-75आइ परियोजना 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। अपने निर्धारित कार्यक्रम से पीछे चल रही इस परियोजना की पहली पनडुब्बी को 2016 तक नौसेना में शामिल किया जाना है। वहीं छह पनडुब्बियों को तैयार करने का प्रोजेक्ट पूरा होने में 2018 तक का वक्त लगेगा। बीते दिनों नौसेना को रूस से मिली नाभिकीय पनडुब्बी आइएनएस चक्र भी दो साल की देरी से आई।

हिंद महासागर क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए भारत पनडुब्बी आधुनिकीकरण पर खासा जोर दे रहा है। इस कड़ी में जहां रूस से भारत ने नाभिकीय पनडुब्बी आइएनएस चक्र हासिल की है। वहीं स्वदेशी नाभिकीय पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत को भी नौसैनिक बेड़े में शामिल करने से पहले परीक्षण चल रहे हैं।

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