मानव शरीर पर chemicals का असर जानने होगा आसान, भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया डेटाबेस
राजमर्रा की जिंदगी में हम इस तरह के रसायनों के संपर्क में आते है जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डेटाबेस तैयार किया है
नई दिल्ली,एजेंसी। पर्यावरण या फिर रोजमर्रा जीवन से जुड़े उत्पादों के जरिये हर दिन हमारा संपर्क ऐसे रसायनों से होता है, जिनमें से कई सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के रसायन उपभोक्ता उत्पादों से लेकर कीटनाशकों, सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, बिजली की फिटिंग से जुड़े सामान, प्लास्टिक उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत विभिन्न चीजों में पाए जाते हैं। अब भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसे रसायनों का एक विस्तृत डाटाबेस तैयार किया है। इससे इन रसायनों के मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को जानना आसान होगा।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कई हानिकारक रसायन मानव शरीर में हार्मोन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे शारीरिक विकास, चयापचय, प्रजनन, प्रतिरक्षा और व्यवहार पर विपरीत असर पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे रसायनों को स्वास्थ्य से जुड़ा प्रमुख उभरता खतरा बताया है। इस खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हार्मोस के तंत्र को प्रभावित करने वाले ये रसायन पर्यावरण में मौजूद जहरीले रसायनों का सिर्फ एक उप-समूह हैं।
यह डाटाबेस रसायनों की कोई आम सूची नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर रसायनों के कारण पड़ने वाले प्रभाव पर केंद्रित शोधों के आधार पर तैयार की गई एक विस्तृत सूची है। इनमें से अधिकतर शोधों में रसायनों का परीक्षण मनुष्य के अलावा अन्य जीवों पर भी किया गया है। चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं ने यह डाटाबेस विकसित किया है।
इस तरह किया विकसित: इस डाटाबेस को विकसित करने के दौरान अंत:स्नावी अवरोधक रसायनों से जुड़े 16 हजार से अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों की पड़ताल की गई है। इस अध्ययन में मनुष्य के हार्मोन तंत्र को नुकसान पहुंचाने वाले 686 रसायनों के बारे में शोधकर्ताओं को पता चला है। इनके संदर्भ 1796 शोध पत्रों में पाए गए हैं, जो रसायनों के कारण हार्मोस में होने वाले बदलावों की पुष्टि करते हैं। ऊएऊ4उळनामक इस डाटाबेस का पहला संस्करण प्रकाशित किया जा चुका है, जिसे नि:शुल्क देखा जा सकता है।
यह मिलेगी जानकारी : कौन-सा हार्मोन अवरोधक रसायन, किस मात्र में मनुष्य के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, इसकी जानकारी इस डाटाबेस में मिल सकती है। इसके साथ ही, यह भी पता लगाया जा सकता है कि अध्ययनों में रसायन का परीक्षण मनुष्य या फिर किसी अन्य जीव पर किया गया है। रसायनों की मात्र की जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई रसायनों की बेहद कम मात्र से भी शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है।
इस डाटाबेस से किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना, भौतिक रासायनिक गुण और रसायनों के आणविक विवरणक प्राप्त किए जा सकते हैं। अध्ययन दल का नेतृत्व कर रहे, गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ता अरिजित सामल ने बताया, ‘हमने विभिन्न शोध पत्रों में प्रकाशित प्रायोगिक प्रमाण के आधार पर अंत:स्नावी अवरोधक रसायनों की पहचान की है, और उनकी खुराक की जानकारी के साथ-साथ उनके प्रतिकूल प्रभावों का संकलन किया है। यह जानकारी इन रसायनों द्वारा अंत:स्नावी व्यवधान के तंत्र को समझने की दिशा में विष विज्ञान अनुसंधान में उपयोगी हो सकती है।’
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