Move to Jagran APP

भारतीय शोधकर्ताओं ने आम की पत्तियों से बनाई ईको- फ्रेंडली जंगरोधी सामग्री

भारतीय शोधकर्ताओं ने फाइटोकेमिकल्स का उपयोग कर बनाई ईकोफ्रेंडली सामग्री पत्तियों के अर्क से बनी कोटिंग पूरी तरह से है पर्यावरण के अनुकूल।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 10:20 AM (IST)
भारतीय शोधकर्ताओं ने आम की पत्तियों से बनाई ईको- फ्रेंडली जंगरोधी सामग्री
भारतीय शोधकर्ताओं ने आम की पत्तियों से बनाई ईको- फ्रेंडली जंगरोधी सामग्री

बेंगलुरु, आइएसडब्ल्यू। भारतीय शोधकर्ताओं ने आम की पत्तियों के अर्क से एक ईको- फ्रेंडली जंगरोधी सामग्री विकसित की है, जो लोहे को जंग से बचा सकती है। यह सामग्री तिरुवनंतपुरम स्थित राष्ट्रीय अंतरविषयी विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई है। नई जंग-रोधी सामग्री का परीक्षण वाणिज्यिक रूप से उपयोग होने वाले लोहे पर विपरीत जलवायु परिस्थितियों में करने पर इसमें प्रभावी जंग-रोधकके गुण पाए गए हैं। आमतौर पर, लोहे के क्षरण को रोकने के लिए उस पर पेंट जैसी सिंथेटिक सामग्री की परत चढ़ाई जाती है, जो विषाक्त और पर्यावरण के प्रतिकूल होती है। लेकिन, आम की पत्तियों के अर्क से बनी कोटिंग सामग्री पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है।

loksabha election banner

पेड़-पौधों में जैविक रूप से सक्रिय यौगिक (फाइटोकेमिकल्स) पाए जाते हैं जो रोगजनक तत्वों और परभक्षियों को दूर रखते हैं और पौधों के सुरक्षा तंत्र के रूप में काम करते हैं। शोधकर्ताओं ने पौधों के इन्हीं गुणों का अध्ययन किया है और आम के पौधे में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स का उपयोग जंग-रोधी पदार्थ बनाने में किया है।

कैसे बनाया अर्क

शोधकर्ताओं ने एथेनॉल के उपयोग से आम की सूखी पत्तियों से फाइटोकेमिकल्स प्राप्त किया। सूखी पत्तियों में अधिक मात्रा में में जैविक रूप से सक्रिय तत्व पाए जाते हैं। इसके बाद पत्तियों के अर्क की अलगअलग मात्रा का विद्युत-रासायनिक विश्लेषण किया। 200 पीपीएम अर्क के नमूनों में सबसे अधिक जंगरोधी गुण पाए गए हैं। अध्ययनकर्ताओं में शामिल डॉ. निशांत के गोपालन ने बताया कि इस शोध में हमें पता चला है कि जैविक रूप से सक्रिय तत्व मिलकर एक खास कार्बधात्विक यौगिक बनाते हैं, जिनमें जंगरोधक गुण होते हैं। पत्तियों के अर्क में जंग-रोधी गुणों का परीक्षण जैव-रासायनिक प्रतिबाधा स्पेक्ट्रोस्कोपी और लोहे की सतह पर जंग का मूल्यांकन एक्स-रे फोटो-इलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी से किया गया है। इस तरह, शोधकर्ताओं को जैविक रूप से सक्रिय तत्वों की जंग-रोधी भूमिका के बारे में पता चला है। इस कोटिंग सामग्री को 99 प्रतिशत तक जंग-रोधी पाया गया है जो आम के पत्तों के अर्क के जंग-रोधक गुणों को दर्शाता है।

लोहे पर सिर्फ अर्क की परत टिकाऊ नहीं हो सकती। इसीलिए, शोधकर्ताओं ने अर्क को सिलिका के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार किया गया है। इस मिश्रण को एक प्रकार की गोंद एपॉक्सी में मिलाकर कोटिंग सामग्री तैयार की गई है। मुख्य शोधकर्ता कृष्णप्रिया के विदु ने कहा कि हम विभिन्न तापमान और पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुसार, आम की पत्तियों के अर्क का परीक्षण करना चाहते हैं। शोधकर्ताओं में डॉ. निशांत के गोपालन और कृष्णप्रिया विदु के अलावा तेजस पेरिनगट्टू कलारीक्कल और नित्या जयकुमार शामिल थे।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.