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Indian Railways: भटकी नहीं थी कोई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, निर्धारित रुट से ही अपने गतंव्य पर पहुंची

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के भटकने की खबरों के लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कोई ट्रेन भटकी नहीं थी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 12:05 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 02:25 AM (IST)
Indian Railways: भटकी नहीं थी कोई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, निर्धारित रुट से ही अपने गतंव्य पर पहुंची

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों को उनके गतंव्य तक पहुंचाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के भटकने की खबरों के लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा 'कोई ट्रेन भटकी नहीं थी। सारी ट्रेनें रेलवे ट्रैफिक सिस्टम के पूर्व निर्धारित रुट पर ही चलीं।' उन्होंने कहा 'दो दिनों तक पूर्वी राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उड़ीसा के रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या बहुत ज्यादा थी। इसीलिए ट्रेनों का रास्ता बदलकर उन्हें उनके गतंव्य तक पहुंचाया गया।'

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रेल मंत्री गोयल मंगलवार को यहां 'दैनिक जागरण' से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में पूछे सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा 'पूर्वी राज्यों की ओर से जाने वाली ट्रेनों की संख्या अधिक थी। रेलवे प्रशासन इस बात को अच्छी तरह समझ रहा था, जिसके अनुसार रूट निर्धारित किए गए थे। उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन अस्थायी टाइम टेबल पर आधारित था, जिसे सोच विचार कर ही बनाया गया था।' पूर्वी राज्यों के नाम गिनाते हुए पश्चिम बंगाल का जिक्र करने से वह नहीं चूके और चुटकी लेने के अंदाज में कहा 'पश्चिम बंगाल सरकार ने तो अपने लोगों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेन की मांग नहीं की।'

सारी ट्रेनें अपने निर्धारित रूट पर ही चलीं

रेल मंत्री पीयूष गोयल से यह सवाल पूछा गया था 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन में आखिर क्या गड़बड़ी हुई कि 'जाना था जापान पहुंच गई चीन...। ' जैसी हालत हो गई? उन्होंने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है। सारी ट्रेनें अपने निर्धारित रूट पर ही चलीं। कुछ ट्रेनों के रुट लंबे जरूर हो सकते हैं। उन्होंने कहा 'सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंच रही हैं। निर्धारित टाइम टेबल, स्टेशनों से मिलने वाले सिगनल और रेलवे के अनुभवी ड्राइवरों के रहते ऐसा होना असंभव है।'

पूर्वी राज्यों वाले रुट पर फिलहाल दोहरा दबाव

एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में रेलमंत्री गोयल ने कहा कि पूर्वी राज्यों वाले रुट पर केवल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन का ही दबाव नहीं था, बल्कि इन्हीं रुटों पर सर्वाधिक मालगाडि़यां भी दौड़ रही थीं। खाद, अनाज, नमक और कोयला जैसी अत्यावश्यक वस्तुओं की ढुलाई हो रही थी। यूपी, बिहार, झारखंड और उड़ीसा जैसे राज्यों से खनन वाली वस्तुओं की भी ढुलाई हो रही थी। इससे रेलवे की इन ट्रैकों पर फिलहाल दोहरा दबाव है।

रेल मंत्री का दावा-एक भी ट्रेन गलत स्थान पर नहीं गई

पूर्वी राज्यों की ओर के रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही अत्यधिक हो रही है। इसी व्यस्तता के चलते गोरखपुर पहुंचने वाली ट्रेन का रास्ता बदला गया था। केवल इसी ट्रेन का नहीं बल्कि ऐसी ही कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को थोड़ी अधिक दूरी तय करनी पड़ी। रेल मंत्री दावे के साथ कहा 'लेकिन एक भी ट्रेन गलत स्थान पर नहीं गई है।' रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की भीड़भाड़ की एक बड़ी वजह स्टेशनों के प्लेटफार्म का खाली न होना भी था। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की जांच के साथ उन्हें नियमित खाद्यान्न के पैकेट और उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जा रही थी। गोयल ने इस मामले में उत्तर प्रदेश और बिहार की राज्य सरकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से पहुंच रहे अपने एक-एक आदमी की कद्र की।

नीतीश कुमार की जितनी तारीफ की जाए कम होगी: गोयल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में गोयल ने कहा 'उनकी जितनी तारीफ की जाए कम होगी।' बिहार में ज्यादा ट्रेनों अटकीं, लेकिन मुख्यमंत्री की प्रशंसा करनी होगी, उन्होंने दूसरे राज्यों से पहुंच रहे अपने लोगों को ट्रेन से उतरते ही खाद्य वस्तुओं का पैकेट भी दिया जा रहा है। दरअसल स्टेशन पर सामान्य यात्रियों की तरह तो उन्हें उतरने नहीं दिया जाता था, बल्कि एक-एक की जांच के साथ उनकी पूरी देखभाल करनी पड़ती थी।


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