अब साथ रखने की जरूरत नहीं कोई आईडी, रेलवे ने डिजिटल 'आधार' और 'डीएल' को वैध पहचान पत्र माना
रेलवे ने यात्रियों के डिजी लॉकर में उपलब्ध 'आधार कार्ड' और 'ड्राइविंग लाइसेंस' की डिजिटल कॉपी को बतौर आइडी प्रूफ मान्यता देने की बात कही है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। अब आपको ट्रेन में यात्रा के दौरान अपने पहचान पत्र खोने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि रेलवे ने यात्रियों के डिजी लॉकर में उपलब्ध 'आधार कार्ड' और 'ड्राइविंग लाइसेंस' की डिजिटल कॉपी को बतौर आइडी प्रूफ मान्यता देने की बात कही है।
गौरतलब है कि सरकार ने भारतीय नागरिकों को क्लाउड आधारित इस प्लेटफार्म पर अपने कुछ अति महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित करने की सुविधा दे रखी है। इसी को डिजी लॉकर कहा जाता है।
रेलवे ने कहा है कि 'आधार कार्ड' और 'ड्राइविंग लाइसेंस' को यात्रा के दौरान किसी भी व्यक्ति का कानूनी पहचान पत्र माना जाएगा। अगर कोई यात्री अपने डिजीलॉकर खाते में लॉग इन करके जारी दस्तावेज अनुभाग से आधार या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाता है तो इसे पहचान के वैध प्रमाण पत्र के रूप में माना जाएगा। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि यात्री द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेज जो दस्तावेज अनुभाग में दस्तावेज हैं, तब इन्हें पहचान के वैध प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत 'आधार कार्ड' और 'ड्राइविंग लाइसेंस' को डिजी लॉकर में सुरक्षित रखने का विकल्प दिया गया है। सीबीएसई के छात्र डिजिटल मार्कशीट के लिए भी डिजी लॉकर का उपयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं डिजी लॉकर के माध्यम से पैन कार्ड भी जोड़ सकते हैं।