Railway News: रेलवे ने फिर शुरू कीं 70 फीसद यात्री ट्रेनें, लेकिन शुरू नहीं हो सकीं बंद की गई सविधाएं
ट्रेनों में आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त मिलने वाले कंबल चादर बेडशीट अब तक नहीं मिल रहे हैं। इसकी जगह एक बार उपयोग करने वाले चादर कंबल और बेडशीट रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन यात्रियों को अलग से रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। कोरेाना वायरस के कारण बीते साल मार्च में लॉकडाउन लागू होने के साथ रेलवे द्वारा बंद की ट्रेनों में से 70 फीसद वापस पटरियों पर दौड़ने लगी हैं। यह बात अलग है कि रेलवे विभाग ने यात्रियों से वापस ली गईं महत्वपूर्ण सुविधाएं नहीं लौटाई है। इससे रेल यात्रियों में नाराजगी है। हालांकि लंबे समय तक ट्रेनों के बंद रहने से रेलवे को भारी घाटा उठाना पड़ा है। उसकी भरपाई के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं।
कोरेाना लॉकडाउन के पहले तक ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट मिलती थी, जो बंद कर दी गई। अब फिर से ट्रेनें तो चालू कर दी गईं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट वाली सुविधा अब तक शुरू नहीं की गई। ट्रेनों में आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त मिलने वाले कंबल, चादर, बेडशीट अब तक नहीं मिल रहे हैं।
यह सुविधा संक्रमण को रोकने का हवाला देकर बंद की गई। इसकी जगह एक बार उपयोग करने वाले चादर, कंबल और बेडशीट रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन यात्रियों को अलग से रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि यह रेलवे की जिम्मेदारी है कि उन्हें आरक्षित टिकट लेने पर एक बार उपयोग किए जाने वाले चादर, कंबल, बेडशीट इत्यादि मुफ्त उपलब्ध कराए, लेकिन इनके लिए भी शुल्क लिया जा रहा है।
खत्म कर दिया छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज
कोरोना संक्रमण के पहले तक जो एक्सप्रेस ट्रेनें छोटे स्टेशनों पर भी रुकती थीं, कई ट्रेनों के स्टॉपेज खत्म कर दिए। यह यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। खासकर छोटे स्टेशनों से सफर कर मुख्य स्टेशनों पर तक सफर करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। रेलवे ने एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों को स्पेशल का दर्जा देकर यह ठहराव खत्म किया है।
वहीं दूसरी तरफ रेलवे ने छोटे स्टेशनों पर रुकने वाली पैसेंजर ट्रेनों की संख्या भी नहीं बढ़ाई है। साथ ही जिन एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के ठहराव छोटे स्टेशनों पर हैं, उनमें यात्री बिना रिजर्वेशन के यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। इस बारे में रेलवे का ध्यान नहीं है। यदि छोटे स्टेशनों के लिए पैसेंजर ट्रेनों को बढ़कर मुख्य शहरों से जोड़ा जाए तो यात्रियों की नाराजगी खत्म हो सकती है।
रेल किराये में भी आया मामूली अंतर
ट्रेन की जनरल बोगियों को भी आरक्षित कर दिया गया। भोपाल से बैतूल का जो जनरल टिकट 90 रुपए में मिल जाता था, उसके अब 105 रुपए देने पड़ रहे हैं। इसी तरह सभी ट्रेनों में जनरल का रेल टिकट महंगा हो गया है। रेलवे ने किराया नहीं बढ़ाया है, लेकिन रिजर्वेशन शुल्क जुड़ने के कारण अधिक रुपए लग रहे हैं। इससे यात्रियों को नुकसान हो रहा है। इसमें यात्रियों को भले ही नुकसान हो, लेकिन रेलवे का फायदा हो रहा है। जबकि रेलवे ने जनरल कोच में अतिरिक्त सुविधाएं नहीं बढ़ाई है। इस बारे में जोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शरद कसरेकर का कहना है कि रेलवे को वे यात्री सुविधाएं अब लौटानी चाहिए, जो कोरोना संक्रमण के पूर्व तक यात्रियों को बिना शुल्क के मिल रही थी।