सुपरहिट 'छैयां छैयां' सुना ही होगा, अब उस ट्रेन में खुद सफर करने का मौका मिलेगा
दक्षिणी रेलवे मैसूर के प्रसिद्ध हिल स्टेशन उधगमंडलम पर लोकप्रिय माउंटेन ट्रेन सेवा फिर से शुरू करने जा रहा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए काफी सराहनीय प्रयास कर रहा है। भारतीय ट्रेनों को लेकर लोगों में जो नकारात्मक छवि बनी है, उसे बदलने के प्रयास काफी हद तक सफल होते दिखाई दे रहे हैं। ट्रेनों को आधुनिक बनाने की दिशा में एक तरफ उनमें पर्यावरण अनुकूल टॉयलेट्स का निर्माण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ यात्रियों के टिकट आरक्षण में आने वाली समस्या को सरकार सुलझाने का काम कर रही है। इतना ही नहीं अब भारतीय रेलवे अपनी विरासत को भी सहेजने के लिए लगातार प्रयासरत है।
इसी कड़ी में भारतीय रेलवे चेन्नई के नीलगिरी माउंटेन रेलवे (एनएमआर) की विरासत को यात्रियों और पर्यटकों के लिए फिर से जीवित करने के लिए तत्पर है। मैसूर के प्रसिद्ध हिल स्टेशन उधगमंडलम पर लोकप्रिय माउंटेन ट्रेन सेवा फिर से शुरू करने जा रहा है।
इस ट्रेन सेवा के माध्यम से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए रेलवे लगातार प्रयासरत है। पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए इस ट्रेन सेवा में 'कोचेटेरिया' भी शामिल किया गया है।
क्या है कोचेटेरिया
कोचेटेरिया एक थीम आधारित रेस्तरां है जो उधगमंडलम हिल स्टेशन पर खोला जाएगा। दक्षिणी रेलवे के मुताबिक, यह शहर से करीब 90 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पर आकर पर्यटक अपने आप में सुखद अनुभूति प्राप्त कर पायेंगे।
यह ट्रेन सेवा पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगा, क्योंकि यहां ट्रेन सुरम्य घाटियों से होते हुए घुमावदार पटरियों पर दौड़ती हुई आपको अलग ही तरह का रोमांच प्रदान करेगी। दिलचस्प बात ये है कि यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत की कैटेगरी में स्थान दिया गया है।
इस गाने की शूटिंग हुई थी
आपको जानकर खुशी होगी कि यह ट्रेन कई फिल्मों की शूटिंग की गवाह है। इनमें प्रमुख है शाहरुख खान की फिल्म 'दिल से' में फिल्माया गया मशहूर गाना छैयां छैयां। धीमी गति से इन पटरियों पर दौड़ती ट्रेन पर ही मलाइका अरोड़ा और शाहरुख खान के साथ इस गाने को फिल्माया गया था। यहां पर आकर आप इन सभी यादों को फिर से ताजा कर सकते हैं। दक्षिणी रेलवे की तरफ से जारी किए गए एक प्रेस रिलीज के माध्यम से ये जानकारी सामने आई है।
कोचेटेरिया के अलावा दक्षिणी रेलवे ने उधगमंडलम और हिलग्रोव स्टेशन पर केटरिंग स्टॉल्स लगाने की भी योजना बनाई है। इन जगहों पर यादगार और बेशकीमती वस्तुओं की दुकानें भी खोली जाएंगी। रिलीज में कहा गया है कि इसके लिए दक्षिणी रेलवे एंटीक वस्तुओं के डिजाइनर्स और सप्लायर से भी संपर्क कर रहा है।
इन्हीं योजनाओं के मद्देनजर दक्षिणी रेलवे के विकास की और अधिक ध्यान दिया जा रहा है। तिरुचिरापल्ली में गोल्डन रॉक वर्कशॉप में एनएमआर-87 में कुछ अहम बदलाव किए जाने की बात कही है। 25 साल पुराने इस कोच में कुछ बेहतरीन बदलाव कर उसे विरासत मूल्यों के साथ नए अनोखे डिजाइन में तैयार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इसमें लाए गए बदलाव के लिए कुल 1.8 लाख रुपये की लागत आई है।
इस ऐतिहासिक धरोवर वाली कोच को नई थीम के आधार पर डिजाइन किया गया है। इसके लिए एलईडी लाइट्स, कोच के बाहरी हिस्से में आकर्षक डिजाइन, सजावटी पंखे, दो मंजिला सामान रैक सहित सजावटी कुर्सियों का इस्तेामल किया गया है। इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए, उधगमंडलम, कूनूर और मेट्टुपलयम स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा प्रदान की गई है।