Indian Railways: रेलवे की खाली भूमि पर 20 गीगावाट नवीन ऊर्जा उत्पादन की योजना
रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे का नेटवर्क 100 प्रतिशत बिजली चालित होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की खाली पड़ी भूमि पर 20 गीगावाट क्षमता की नवीन ऊर्जा उत्पादन की योजना है। इन संयंत्रों में देश में निर्मित सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा और उत्पादित बिजली का उपयोग रेलवे अपने नेटवर्क में करेगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभालने वाले गोयल के मुताबिक आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे का नेटवर्क 100 प्रतिशत बिजली चालित होगा। इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा।
खाली भूमि का उपयोग नवीन ऊर्जा उत्पादन में होगा
गोयल ने कहा कि हमारी जो अधिशेष जमीन है, उसका बड़ा हिस्सा और ट्रैक के पास उपलब्ध भूमि का उपयोग नवीन ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा। भारत में बने सौर व पवन ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग किया जहा रहा है। इन भूखंडों पर 20 गीगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन करने की योजना है। यह बिजली हमारे पूरे नेटवर्क को चालाने के लिये पर्याप्त होगी। काउंसिल ऑफ एनर्जी, एनवायर्नमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) द्वारा स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे को इस तरह की बिजली के लिए बैटरी स्टोरेज के विस्तार या बिजली संग्रह की अन्य प्रणालियों को विकसित करने की जरूरत होगी।
प्रदूषण का स्तर बढ़ा तो थमेंगे ट्रेनों के पहिए
उधर, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद रेलवे प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने जा रहा है। स्टेशन या माल गोदाम साइडिंग में प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही मालगाड़ी और ट्रेनें रोक दी जाएंगी। बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर एनजीटी की सख्ती बढ़ती जा रही है। इसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के निर्माण व पंजीयन पर रोक लगा दी गई है। इसी क्रम में रेलवे का डीजल के बजाय इलेक्टि्रक इंजन से ट्रेनों को चलाने पर जोर है। इसके लिए रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का काम तेजी से चल रहा है।
वहीं, रेलवे के माल गोदाम में मालगाड़ी में सामान उतारने व चढ़ाते समय उड़ने वाली धूल से आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर शहर के अन्य हिस्सों से ज्यादा होता है। इसमें सीमेंट और कोयला सर्वाधिक प्रदूषण वाले कारक हैं। इसको लेकर एनजीटी ने रेलवे को सख्त आदेश दिया है, जिसमें बताया गया है कि जिस स्टेशन या साइडिंग में धूलकण उड़ने वाली सामग्री उतरती हैं, वहां पेड़-पौधे और घास लगाई जाए। मालगाड़ी से सीमेंट उतरने के बाद वहां पानी का छिड़काव कराने के साथ ही सफाई कराई जाए। अगर सफाई नहीं हो पाती है तो मालगाड़ी या ट्रेन का संचालन बंद कर दें और सफाई होने के बाद ही संचालन शुरू हो।