खुशखबरी : रेलवे सौ फीसद विद्युतीकरण के नजदीक, सौर ऊर्जा क्षेत्र में मेगा पहल
भारतीय रेलवे आगामी एक दशक के दौरान पूरी तरह कार्बन उत्सर्जन मुक्त परिवहन क्षेत्र बन जाएगा। हरित रेल बनाने के इस लक्ष्य को प्राप्त करने की तैयारियां जोर शोर से चालू की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे आगामी एक दशक के दौरान पूरी तरह कार्बन उत्सर्जन मुक्त परिवहन क्षेत्र बन जाएगा। हरित रेल बनाने के इस लक्ष्य को प्राप्त करने की तैयारियां जोर शोर से चालू की गई है। आगामी दो तीन सालों के भीतर ही रेलवे में सौ फीसद विद्युतीकरण का मैराथन कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बिजली की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में अहम पहल करते हुए भारतीय रेलवे ने दो गीगा वाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रेलवे की खाली पड़ी जमीन का उपयोग
भारतीय रेलवे ने अपनी बेकार पड़ी जमीन का उपयोग सौर ऊर्जा के उत्पादन में करने का फैसला किया है। इसके लिए मध्य प्रदेश के बीना में पायलट प्रोजेक्ट जल्दी ही चालू होगा। सौर ऊर्जा के माध्यम से भारतीय रेल को हरित परिवहन बनाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार ऊर्जा की अपनी जरूरतों को पूरा करने रेलवे ने आत्मनिर्भर होने का प्रयास शुरु कर दिया गया है।
भारतीय रेल का एक नया दौर
अक्षय ऊर्जा परियोजना के तहत खाली पड़ी परती जमीनों का उपयोग करते हुए भारतीय रेल एक नये दौर में पहुंच रहा है। ट्रेनों के संचालन में हरित ऊर्जा का उपयोग किया जाने लगेगा। पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के खुद उत्पादन भी करेगा। रेलवे अभी भी हरित ऊर्जा के उपयोग पर जोर दे रहा है, जिसके तहत रायबरेली में स्थापित तीन मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली की खरीदने लगा है। रेलवे के विभिन्न स्टेशनों और भवनों पर लगभग एक सौ मेगावाट सौर ऊर्जा के पैनल चालू हो चुके हैं, जिससे वहां की जरूरतें पूरी हो रही हैं।
बीएचईएल के सहयोग से परियोजना की शुरुआत
भारत हेवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के सहयोग से भारतीय रेलवे ने पहली परियोजना की शुरुआत की है। रेलवे के ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम को सीधे फीड करने के लिए डायरेक्ट करंट (डीसी) को सिंगल फेज अल्टरनेटिंग करंट (एसी) में बदलने की तकनीक है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौती के खिलाफ मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद
छत्तीसगढ़ के भिलाई में 50 मेगावाट और हरियाणा के दीवाना में दो मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र अगले साल अगस्त में चालू हो जाएगा। भारतीय रेलवे दो गीगावॉट की सौर परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी कर चुका है। इसी तरह एक गीगा वाट के सौर संयंत्रों की स्थापना जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। ऊर्जा के क्षेत्र में की गई रेलवे की इस मेगा पहल से जलवायु परिवर्तन की चुनौती के खिलाफ भारत को अपनी मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।