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जानना जरूरी है; पिछले सात दिनों में रेलवे के इन 4 बड़े फैसलों का आप पर क्या होगा असर

हाल ही में भारतीय रेलवे ने अपने नियमों में कई अहम बदलाव किये हैं जिससे ये साबित होता है कि यह अब यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पहले से ज्यादा गंभीर हो रहा है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 12:30 PM (IST)
जानना जरूरी है; पिछले सात दिनों में रेलवे के इन 4 बड़े फैसलों का आप पर क्या होगा असर
जानना जरूरी है; पिछले सात दिनों में रेलवे के इन 4 बड़े फैसलों का आप पर क्या होगा असर

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए नए नियम लागू करता रहता है। देश में एक स्थान से दूसरे स्थान को जोड़ने वाला सबसे बड़ा नेटवर्क होने के नाते लोगों को भारतीय रेलवे से सबसे ज्यादा उम्मीदें रहती हैं। हालांकि भारतीय रेलवे की छवि आमतौर पर अच्छी नहीं देखी जाती है, इनमें ट्रनों की लेटलतीफी का मुद्दा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा टिकट आरक्षण में आने वाली समस्या भी आम है। लेकिन हाल ही में भारतीय रेलवे ने अपने नियमों में कई अहम बदलाव किये हैं जिससे ये साबित होता है कि यह अब यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पहले से ज्यादा गंभीर हो रहा है। जानते हैं पिछले कुछ समय में भारतीय रेलवे ने किस तरह के बड़े बदलाव किए हैं और ये बदलाव आम जनता की जीवन पर किस तरह से प्रभाव डालेगा।

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ट्रेनों की लेटलतीफी से मिलेगा छुटकारा

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने लेटलतीफी दूर करने के लिए ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने तथा दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों को तीन महीने के भीतर 160 किलोमीटर की रफ्तार वाली ट्रेनों के योग्य बनाने के अफसरों को निर्देश दिए हैं। रेलमंत्री ने ये निर्देश पिछले तीन वर्षो से चलाए जा रहे 'मिशन रफ्तार' की सुस्त रफ्तार को देखने के बाद दिए हैं। मिशन की समीक्षा के लिए आयोजित सम्मेलन में उन्होंने इस स्थिति के लिए रेलवे बोर्ड और जोनल रेलों के आला अधिकारियों को आड़े हाथों लिया तथा बहानेबाजी छोड़ काम की रफ्तार बढ़ाने की ताकीद की। इसके अलावा भविष्य में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनने से भी बड़ी राहत मिलेगी। दादरी से मुंबई के बीच बन रहा पश्चिम कॉरिडोर के 2020 में चालू होने की उम्मीद है। जबकि लुधियाना से डांकुनी के बीच बन रहा पूर्वी कॉरिडोर 2021-22 में पूरा होगा। दोनो कॉरिडोर के कुछ बीच के खंड पहले भी चालू हो सकते हैं। इससे मालगाडि़यां कॉरिडोर पर शिफ्ट हो जाएंगी और मौजूदा लाइनें पूरी तरह पैसेंजर ट्रेनों के लिए मुक्त हो जाएंगी। इससे यात्री और माल यातायात दोनों में कई गुना बढ़ोतरी होगी तथा ग्राहकों के साथ-साथ रेलवे को को जबरदस्त लाभ होगा।

इंडियन रेलवे की वेबसाइट में अहम सुधार 

आईआरसीटीसी) ने मंगलवार को ई-टिकटिंग वेबसाइट को संशोधित किया है। इसमें उसने नया यूजर इंटरफेस (यूआई) जोड़ा है। यह जानकारी पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सामने आई है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि वेबसाइट में नये फीचर्स यूजर्स के अनुभव को सुधारने के लिए किये गये हैं। पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यूजर्स बिना लॉगइन करें इंक्वायरी, ट्रेन को सर्च और सीटों की उपलब्धता के बारे में पूछ सकते हैं। यूजर्स आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर आरामदायक व्यूइंग अनुभव के लिए फॉन्ट साइज बदल सकते हैं। इसके अलावा सरकारी कामकाज के लिए आधार कार्ड को कई जगह अनिवार्य किया है। इसी क्रम में अब रेलवे ने भी रेल आरक्षण के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया है।

प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली प्लेटों में मिलेगा खाना

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उसने सफर के दौरान रेल यात्रियों को प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली थाली, प्लेट व कंटेनर में खाद्य पदार्थ परोसने का फैसला किया है।

पहले चरण में मंगलवार से दिल्ली से चलने वाली चार राजधानी व चार शताब्दी ट्रेनों में इसकी शुरुआत की गई है। आने वाले समय में अन्य ट्रेनों में भी इसे लागू किया जाएगा। ट्रेनों में यात्रियों को प्लास्टिक के बने प्लेट व कंटेनर में खाने-पीने के सामान दिए जाते हैं। प्रयोग करने के बाद ये नष्ट नहीं होते हैं जिससे प्रदूषण फैलता है। इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने यह पहल की है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली थाली व प्लेट की तस्वीरें शेयर कीं। इसके साथ उन्होंने लिखा कि विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर धरती को हरा-भरा रखने और प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारतीय रेलवे का छोटा सा कदम।

ज्यादा सामान के साथ यात्रा करने पर जुर्माना 

अब यदि आप निर्धारित से अधिक वजन अथवा आकार का सामान लेकर ट्रेन में सफर करेंगे तो आपको डेढ़ से छह गुना तक पेनाल्टी भरनी पड़ सकती है। रेल मंत्रालय 2006 के लगेज एंड पार्सल रूल्स को कड़ाई से लागू करने पर विचार कर रहा है। अभी इन नियमों को लेकर रेलवे का रवैया ढीलाढाला है। लेकिन अब इसे किराया-भाड़ा बढ़ाए बगैर रेलवे की आमदनी बढ़ाने के परोक्ष औजार के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी हो रही है। इन नियमों के मुताबिक एसी फ‌र्स्ट क्लास में बुक करने के बाद अधिकतम 150 किलोग्राम सामान ले जाया जा सकता है। इसमें से 70 किलोग्राम तक सामान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। जबकि इससे 15 किलोग्राम तक ज्यादा सामान पर डेढ़ गुना दर से शुल्क लगेगा। परंतु यदि सामान का वजन इससे भी ज्यादा हुआ तो टीटीई को छह गुना शुल्क वसूलने का अधिकार है।

इसी प्रकार फ‌र्स्ट क्लास अथवा सेकंड एसी के लिए सामान की अधिकतम सीमा 100 किलोग्राम और निशुल्क सीमा 50 किलोग्राम है। निशुल्क सीमा से 10 किलो तक अधिक (अर्थात कुल 60 किलो) वजन पर अतिरिक्त वजन के अनुसार डेढ़ गुना शुल्क और उससे भी ज्यादा वजन अथवा बिना बुकिंग का सामान होने पर टीटीई द्वारा छह गुना पेनल्टी लगाई जा सकती है। एसी थर्ड के मामले में अधिकतम और निशुल्क सीमा दोनो 40 किलो की है।   


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