पाकिस्तान से नौ जुलाई को रिहा होगा यशपाल
आखिरकार पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कैद बरेली के यशपाल की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया। लंबी कानूनी लड़ाई और पैरवी के बाद पाक सरकार उसे रिहा करने को राजी हो गई और इस बाबत तारीख नौ जुलाई मुकर्रर कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, बरेली। आखिरकार पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कैद बरेली के यशपाल की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया। लंबी कानूनी लड़ाई और पैरवी के बाद पाक सरकार उसे रिहा करने को राजी हो गई और इस बाबत तारीख नौ जुलाई मुकर्रर कर दी गई है। पाक स्थित भारतीय उच्चायोग के काउंसलर एक्विनो विमल ने ई-मेल से यह जानकारी भाजपा सांसद मेनका गांधी को दी है। छह अन्य कैदियों के साथ यशपाल को अटारी बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा। उच्चायोग के मुताबिक, गाजीपुर के दिनेश विश्वकर्मा भी जल्द रिहा हो जाएंगे।
फरीदपुर के पढ़ेरा गांव का यशपाल सीमा उल्लंघन के मामले में तीन साल से लाहौर की कोट लखपत जेल में है। 28 अप्रैल तक इस बारे में किसी को भनक तक नहीं थी। कोट लखपत जेल में सरबजीत की हत्या के समय 'दैनिक जागरण' ने यशपाल प्रकरण का खुलासा किया और यशपाल को वापस लाने का बीड़ा उठाया। इस अभियान में साथी बने सामाजिक संस्था जागर के सचिव डा. प्रदीप कुमार। उन्होंने केंद्र सरकार और पाक स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया, जिससे यशपाल के पाकिस्तानी जेल में होने की पुष्टि हुई। डा. प्रदीप ने भाजपा सांसद मेनका गांधी के जरिये लगातार विदेश मंत्रालय पर दबाव बनाया। नतीजतन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाक सरकार के समक्ष यह मामला उठाया। बुधवार को भारतीय उच्चायोग के काउंसलर एक्विनो विमल ने ई-मेल भेजकर उसके रिहाई की खबर दी।
गाजीपुर के दिनेश की भी सजा पूरी: पाकिस्तानी जेल में बंद गाजीपुर के दिनेश विश्वकर्मा की भी सजा पूरी हो गई है। बुधवार को भाजपा नेता डॉ. मुकेश सिंह ने दिनेश के परिवार वालों को यह जानकारी दी और भारतीय उच्चायोग की ओर से किए जा रहे प्रयास के संबंध में प्राप्त ई-मेल संदेश की प्रति भी दिनेश के परिवार वालों को उपलब्ध कराई। उच्चायोग में सलाहकार एक्यूनो विमल ने दो जुलाई को मुकेश को ई-मेल भेजकर बताया है कि उसकी सजा पूरी हो चुकी है। उसे जल्द रिहा कर दिया जाएगा।
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