कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नागरिकों के उपयोग के लिए नौसेना ने बनाए तीन कोविड अस्पताल
देश में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। नागरिकों के उपयोग के लिए भारतीय नौसेना द्वारा तीन अस्पताल बनाए गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री कार्यालय ने बताया कि पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत तीन नौसेना अस्पतालों में बनाए गए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। नागरिकों के उपयोग के लिए भारतीय नौसेना द्वारा तीन अस्पताल बनाए गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री कार्यालय ने बताया कि पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत तीन नौसेना अस्पतालों में बनाए गए हैं। इसमें आइएनएसएस जीवनवती गोवा, आइएनएचएस पतंजलि करवर और आइएनएसएस संधानी मुंबई के अस्पताल शामिल हैं। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों को निर्देश दिया था कि नागरिक उपयोग के लिए सेना के अस्पतालों का उपयोग किया जाए।
As #COVID19 cases surge in the county, three naval hospitals under the Western Naval Command viz., INHS Jeevanti, Goa, INHS Patanjali, Karwar and INHS Sandhani, Mumbai have been kept ready for use by the civil administration: Office of the Defence Minister pic.twitter.com/2Lwc1Yc1BJ
— ANI (@ANI) April 29, 2021
राजनाथ सिंह बोले, रक्षा पीएसयू और ओएफबी के चिकित्सा केंद्रों में होगा कोरोना रोगियों का उपचार पिछले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के सभी चिकित्सा केंद्रों को कोरोना वायरस से संक्रमित आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है।
उन्होंने कहा था कि सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। डीआरडीओ दिल्ली हवाई अड्डे के निकट स्थित अपने सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में 250 और बिस्तरों का प्रबंध करेगा। इसके बाद अस्पताल में बिस्तरों की कुल संख्या बढ़कर 500 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात में 1,000 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन शुरू हो चुका है।
इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपालों से बातचीत कहा था कि वे पूर्व सैनिकों को महामारी से लड़ने के लिए कैसे काम पर लगाए, इस पर भी ध्यान दें। इसके अलावा, अर्धसैनिक कर्मचारियों, नर्सों और डॉक्टरों को जो फोर्सेस से सेवानिवृत्त हुए हैं, को इस लड़ाई में शामिल किया जाना चाहिए।