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भारतीयों के डीएनए में सिर हिलाने का बर्ताव, विदेशी सैलानियों को करता है परेशान

भाषायी विशेषज्ञों ने माना है कि सिर हिलाकर जवाब देने का यह बर्ताव हर भारतीय के डीएनए में है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमें विरासत में मिलता आया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 06:23 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 06:23 PM (IST)
भारतीयों के डीएनए में सिर हिलाने का बर्ताव, विदेशी सैलानियों को करता है परेशान
भारतीयों के डीएनए में सिर हिलाने का बर्ताव, विदेशी सैलानियों को करता है परेशान

वॉशिंगटन(एजेंसी)। कुछ वक्त पहले एक फिल्म आई थी 'पीके', जिसमें आमिर खान ने भारतीयों के सिर हिलाने की परिभाषा समझाई थी। वह काफी हास्यास्पद भी थी, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है। वाकई में हर भारतीय के डीएनए में सिर हिलाने का बर्ताव रहता है और इसी आदत से देश आने वाले विदेशी सैलानी परेशान हो जाते हैं।

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इसी का हल निकालते हुए ब्रिटिश मूल के अमेरिकी लेखक मार्गोट बिट ने एक किताब लिखी थी, जो भारत आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए मार्गदर्शक का काम करती है। कई भाषायी विशेषज्ञों ने माना है कि सिर हिलाकर जवाब देने का यह बर्ताव हर भारतीय के डीएनए में है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमें विरासत में मिलता आया है।

क्यों परेशान होते हैं विदेशी

दर्जो में बंटे हमारे समाज में सिर हिलाकर संवाद, सबको खुश करने का तरीका माना जा सकता है, लेकिन कई बार लोग इस तरीके से बात कहने पर भ्रमित और परेशान होते हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए बहुत बड़ी पहेली बन जाता है। ये हां या ना में सिर हिलाना ही नहीं होता। अक्सर गले के इशारे से हम बहुत सी बातें कह जाते हैं। जो न इनकार होती हैं और न ही इकरार। टूरिस्ट जब दुकानदारों से खरीदारी कर रहे होते हैं, तो अक्सर वो सामने वाले के संकेत समझ ही नहीं पाते। कई बार तो हम भारतीय भी सिर हिलाने का मतलब नहीं समझ पाते।

इंडियन हेड वॉबल रखा नाम

भारतीयों का सिर हिलाना एक झटके वाला संकेत नहीं होता। कई बार लोग लंबे वक्त तक दाएं-बाएं सिर हिलाते रहते हैं। समझ ही नहीं आता कि वो क्या कह रहे हैं। सहमति है या इनकार है। मुंबई में गाइड का काम करने वाली प्रिया पाथियान कहती हैं कि अक्सर लोग सिर घुमाकर आठ का निशान बनाते हैं। इसका कोई भी मतलब निकाला जा सकता है। अंग्रेजी में इसे इंडियन हेड वॉबल के नाम से जानते हैं।

इंटरनेट पर भारतीयों की आदत समझाने वाले कई वीडियो

इंटरनेट पर भारतीयों के इस सिर हिला कर संकेत देने की आदत पर तमाम पेज भरे पड़े हैं। इसके अलावा वीडियो भी हैं, जो भारत आने वाले सैलानियों की मदद के लिए नेट पर डाले गए हैं। यू-ट्यूब पर सर्च करें, तो दर्जनों देसी-विदेशी विशेषज्ञ इस 'इंडियन नॉडिंग' को विस्तार से समझाते दिख जाएंगे, हालांकि कोई भी इसे पूरी तरह से समझने या समझाने में अब तक नाकाम रहा है।

विदेशी लेखक ने भारत आकर जाना 'सच'

ब्रिटिश मूल की अमरीकी यात्रा लेखक मार्गोट बिग ने भारत में पांच साल से ज्यादा का वक्त गुजारा है। उन्होंने भारत आने वाले सैलानियों के लिए गाइडबुक्स लिखी है। उनका मानना है कि भारत में लोगों के तमाम तरह से सिर हिलाने के अलग-अलग मायने होते हैं, जैसे..

- एक तरफ सिर झुकाकर हिलाने का मतलब हां होता है या फिर इससे चलने का भी इशारा होता है।

- आगे-पीछे कुछ देर तक सिर हिलाने का मतलब होता है कि बात समझ में आ गई।

- जितनी तेज सिर हिलाया जाएगा, उसका मतलब तेजी से रजामंदी जाहिर की जा रही।

- भौंहे चढ़ाकर सिर हिलाने का मतलब कि फटाफट आप की बात मान ली गई है।

- दूसरी तरफ इसका मतलब यह भी हो सकता है कि 'जो तुम कह रहे हो तो ठीक ही है'। ये ठीक उसी तरह है जैसे कंधे उचकाकर लोग ये इशारा करते हैं कि उन्हें फर्क नहीं प़़डता।

आखिर क्या होता है सिर हिलाने का मतलब

इसका मतलब साफ हां होता है या ये इनकार करने का तरीका है या असमंजस को बयां करता है या फिर, इससे गुस्से का इजहार होता है। पूरी बात का संदर्भ समझे बिना इस सिर हिलाने का मतलब बता पाना बहुत मुश्किल है। मुंबई में गाइड का काम करने वाली प्रिया पाथियान कहती हैं कि अक्सर सिर हिलाने का मतलब हां होता है। इसके जरिए आम भारतीय अपने दोस्ताना बर्ताव को जाहिर करते हैं और सामने वाले के प्रति सम्मान भी जताते हैं। अब अगर आप को पूरी बात पता नहीं है तो सिर हिलाने का ठीक-ठीक मतलब समझना मुश्किल है।

अमेरिकी टीवी सीरियल में चर्चा..विदेशी भी करने लगे हैं नकल

अमेरिकी टीवी सीरियल आउटसो‌र्स्ड में तो बाकायदा इस मसले पर चर्चा दिखाई गई है। इस दौरान कहा गया कि अब आप इसे पसंद करें, या नापसंद करें या फिर झुंझलाएं, लेकिन आप भारतीयों के सिर हिलाकर बात करने के तरीके की अनदेखी नहीं कर सकते। भारत आने वाले बहुत से विदेशी तो इसकी नकल भी करने लगते हैं। इस शो में मौेजूद मार्गोट बिग खुद भी मानती हैं कि जब भी वो हिंदी बोलती हैं, तो, जाने-अनजाने सिर हिलाने लगती हैं। कई बार लोग उन्हें टोकते भी हैं, लेकिन अब वो उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गया है।

रिसर्च : ताकतवर लोगों के सामने सम्मान से सिर झुकाने में भारतीय आगे

हम अगर ये समझते हैं कि ये भारतीयों को पीढ़ी दर पीढ़ी मिलने वाली अनोखी आदत की सांस्कृतिक विरासत है, तो सिर हिलाने की परंपरा को एक दायरे में बांधना होगा। मशहूर संस्कृति विशेषषज्ञ गीर्त हॉफस्टेड ने तमाम देशों के सांस्कृतिक नियमों पर विस्तार से रिसर्च की थी। इसके नतीजे चौंकाने वाले थे। सत्ताधारी से दूरी के मानकों में भारत को 77 नंबर मिले थे। इसका मतलब ये है कि किसी देश के लोग अपने समाज में सत्ता को लेकर भेदभाव को किस हद तक बर्दाश्त करते हैं, जबकि दुनिया का औसत था 56.5 प्रतिशत यानी हमारे देश में लोग ऊंच-नीच को बहुत मानते हैं। ताकतवर लोगों के सामने सम्मान से सिर झुकाने में भारतीय आगे हैं। अपने से ऊंचे दर्जे के शख्स से बात करते वक्त, इनकार में बहुत कम ही सिर हिलाते हैं।

ये भारतीयों की परवरिश, परंपरा का हिस्सा

हम भारतीयों की परवरिश ऐसी होती है कि हमें आज्ञाकारी और विनम्र होना बचपन से ही सिखाया जाता है। खास तौर से मेहमानों और अपने से ज्यादा उम्र के लोगों के प्रति सम्मान दिखाना तो हमारी परंपरा का अहम हिस्सा है। जैसे, मेहमानों और बुजुर्गो को सीधे तौर पर ना बोलने से हम लोग बचते हैं। हम कभी बुदबुदाते हैं, अनिश्चितता भरी मुस्कुराहट चेहरे पर ओढ़ लेते हैं। असमंजस में सिर हिलाते हैं। इन सभी का मतलब ये होता है कि हम पक्के तौर पर इनकार नहीं करना चाहते। सिर हिलाने का यही मतलब होता है। दुविधा की स्थिति को बयां करना।

हां या ना के बीच का रास्ता निकालना

चेन्नई के लेखक प्रदीप चक्रवर्ती के अनुसार, सिर हिलाने की आदत से भारतीय अक्सर हां या ना के बीच का रास्ता निकाल लेते हैं। रिश्तों में किसी मुश्किल परिस्थिति में सहयोग का एक रास्ता खुला छोड़ देते हैं। हमारा देश कृषि प्रधान रहा है। ऐसे समाज में आप किसी को भी खुले तौर पर इनकार का जोखिम नहीं ले सकते। क्या पता कब आप को उससे काम निकल आए। सीधे इनकार करने का मतलब रिश्ते पर पूर्ण विराम लगाना है।

मुश्किल होता है 'ना' करना

 प्रदीप के अनुसार, भारतीय समाज में ऊंच-नीच बहुत ज्यादा हैं। ऐसे में कई बार ऐसे हालात में फंस जाते हैं, जब सीधे से मना करना मुश्किल होता है। बॉस के साथ संवाद हो, घर के बड़ों की बात हो या समाज के नेताओं के साथ बातचीत हो, कई बार हालात ऐसे बनते हैं कि ना नहीं कहा जा सकता। ऐसे मामलों में अस्पष्ट तौर पर सिर हिलाकर हम सीधे तौर पर ना कहने से भी बच जाते हैं। जिस बात से सहमत नहीं हैं, उस पर रजामंदी देने से भी बच निकलते हैं। अब सामने वाला समझता रहे, जो उसको समझना हो।

..और बनाई दी सिर हिलाने वाली गुड़िया

हमारे देश में सिर हिलाकर संवाद करने की परंपरा की सबसे अच्छी नकलकर मिट्टी के खिलोने बनाए गए। तमिलनाडु के तंजावुर शहर में सड़कों पर सिर हिलाने वाले खिलौने बिकते नजर आते हैं। तमिल भाषा में इन्हें 'तंजावुर थलायात्ती बोम्मई' कहते हैं। इसका मतलब होता है, 'तंजावुर की सिर हिलाने वाली गुड़िया'। चटख रंगों वाले ये खिलौने आम तौर पर किसी क्लासिकल डांसर के होते हैं या फिर बुजुर्ग दंपती। इस खिलौने के दो हिस्से होते हैं। एक हिस्सा पूरा शरीर होता है और दूसरा हिस्सा इसका सिर, जो स्पि्रंग से धड़ से जुड़ा होता है। सिर को हल्का सा भी छू लें, या हवा का झोंका आए तो बड़ी तेजी से सिर गोल-गोल हिलने लगते हैं।


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