Move to Jagran APP

बड़ी चुनौती! देशवासियों के लिए 7 माह में सरकार को चाहिए होंगी कोरोना वैक्‍सीन की 60 करोड़ खुराक

भारत को कोरोना वैक्‍सीन की हर माह करीब साढ़े आठ करोड़ खुराक की दरकार होगी। इसकी उपलब्‍धता सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा उसको वैश्विक आपूर्ति में भी सहयोग करना है। वैश्विक स्तर पर कोरोना वैक्सीन की मांग बहुत अधिक है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 10:07 AM (IST)
बड़ी चुनौती! देशवासियों के लिए 7 माह में सरकार को चाहिए होंगी कोरोना वैक्‍सीन की 60 करोड़ खुराक
भारत को कोविड-19 वैक्‍सीन की वैश्विक आपूर्ति भी करनी है।

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। अपने देश में दुनिया की 60 फीसद वैक्सीन का उत्पादन होता है। भारत को न सिर्फ अपनी जरूरत के लिए कोरोना वैक्सीन चाहिए, बल्कि उसे वैश्विक आपूर्ति का हिस्सा भी बनना है, जिससे वह अपनी प्रतिबद्धताओं को भी पूरा कर सके। वैश्विक स्तर पर कोरोना वैक्सीन की मांग बहुत अधिक है। दुनिया भारत की ओर देख रही है। ऐसे में भारतीय दवा निर्माता कंपनियों के सामने मांग के अनुरूप वैक्सीन उपलब्ध कराने की बड़ी चुनौती है।

loksabha election banner

भारत में बढ़ रहा है उत्पादन

फिलहाल भारत में दो वैक्सीन स्वीकृत हैं। जिन्हें कोविशील्ड (ऑक्सफोर्डएस्ट्राजेनेका) और कोवैक्सीन (भारत बायोटेक) कहा जाता है। अन्य वैक्सीन के लिए भी परीक्षण चल रहे हैं, जिनका उत्पादन भारत में भी किया जा रहा है। हालिया खबरों के अनुसार, भारतीय दवा कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में उत्पादन को काफी बढ़ा दिया है। सबसे बड़े उत्पादक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कुछ वक्त पहले ही कहा था कि वह एक महीने में 6-7 करोड़ वैक्सीन की खुराक बना सकती है। साथ ही भारत बायोटेक ने साफ कर दिया है कि उसका लक्ष्य वैक्सीन की 20 करोड़ खुराक प्रति वर्ष उपलब्ध कराना है।

शुरुआत में भारत को साठ करोड़ वैक्सीन की आवश्यकता

भारत सरकार ने कहा है कि देश के 30 करोड़ नागरिकों को जुलाई तक पहले चरण में वैक्सीन लगाई जाएगी। टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है। करीब सात महीनों में सरकार को कुल 60 करोड़ खुराक का प्रबंध करना है। इसका अर्थ है कि हर महीने 8.5 करोड़ खुराक। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ने साफ कर दिया है कि पांच करोड़ वैक्सीन की गुणवत्ता का परीक्षण किया जा चुका है और वह लगाए जाने के लिए तैयार है।

भारत के मुख्य वैक्सीन निर्माता

  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (दो वैक्सीन, एक स्वीकृत)
  • भारत बायोटेक (दो वैक्सीन, एक स्वीकृत)
  • बायोलॉजिकल ई (दो वैक्सीन, परीक्षण के चरण में)
  • जाइडस कैडिला (एक वैक्सीन, परीक्षण के चरण में)
  • जिनोवा बायोफार्मा (एक वैक्सीन, परीक्षण के चरण में)
  • डॉ. रेड्डीज लैब (एक वैक्सीन, परीक्षण के चरण में)

दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत

भारत का सीरम इंस्टीट्यूट विश्व स्वास्थ्य संगठन समर्थित बड़ी अंतरराष्ट्रीय योजना कोवैक्स का एक हिस्सा है, जो कम और मध्यम आय वाले देशों को इस वर्ष सुरक्षित वैक्सीन पहुंचाने में मदद करेगा।पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टीट्यूट ने इस योजना के तहत 20 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करने पर सहमति प्रदान की थी। सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला के मुताबिक, कोवैक्स समझौते को 90 करोड़ खुराक तक बढ़ाया जा सकता है। इससे योजना के तहत सीरम इंस्टीट्यूट की कुल प्रतिबद्धता एक अरब से अधिक खुराक की हो जाएगी। कंपनी ने कहा है कि उसका लक्ष्य मार्च से हर महीने में 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करना है।

भारतीय कंपनियों के पास कई अन्य प्रतिबद्धताएं

कोवैक्स योजना के अलावा भी सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्डएस्ट्राजेनेका वैक्सीन की आर्पूित के लिए कई देशों के साथ द्विपक्षीय वाणिज्यिक सौदे किए हैं। पूनावाला ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वैक्सीन को इस शर्त पर मंजूरी दी गई थी कि इसका निर्यात नहीं किया जाएगा। बाद में सरकार ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश द्वारा चिंता जताए जाने के बाद निर्यात की अनुमति दी गई, जिसमें शुरुआती तीन करोड़ खुराक प्राप्त करने का सौदा किया गया था। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक,भारत पड़ोसियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के प्रति संवेदनशील है। सीरमइंस्टीट्यूट का सऊदी अरब, म्यांमार और मोरक्को के साथ भी सौदा है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी मात्रा कितनी है और इन देशों को कब वैक्सीन मिलेगी। पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के लिए प्राथमिकता घरेलू मांग को पूरा करना है। वैश्विक वैक्सीन गठबंधन गावी के प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय अधिकारियों और सीरम इंस्टीट्यूट के संपर्क में हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि कोवैक्स के लिए प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.