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भारत में बच्‍चों की नहीं हो रही फ‍िजिकल ग्रोथ, 43 फीसद बच्चे पीड़‍ित, शोध में चौंकाने वाले खुलासे

भारत पेरू वियतनाम और इथोपिया में औसतन 43 फीसद बच्चे एक से पांच साल की उम्र में ही वृद्धि अवरोध (स्टंटिंग) के शिकार हैं। इनमें से 32-41 फीसद बच्चे किशोरावस्था तक ठीक नहीं हो पाए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 09:52 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 10:09 AM (IST)
भारत में बच्‍चों की नहीं हो रही फ‍िजिकल ग्रोथ, 43 फीसद बच्चे पीड़‍ित, शोध में चौंकाने वाले खुलासे

वास्को-द-गामा (गोवा), आइएसडब्ल्यू। बच्चों की शारीरिक वृद्धि में रुकावट होना एक वैश्विक समस्या है। एक नए तुलनात्मक शोध से पता चला है कि भारतीय बच्चे पेरू, वियतनाम और इथोपिया की तुलना में इस समस्या से अधिक ग्रसित हैं। शोध में पाया गया कि इन चारों देशों में औसतन 43 फीसद बच्चे एक से पांच साल की उम्र में ही वृद्धि अवरोध (स्टंटिंग) से ग्रस्त हो गए थे। इन बच्चों में से लगभग 32-41 फीसद बच्चे किशोरावस्था तक ठीक नहीं हो पाए। हालांकि लगभग 31-34 फीसद बच्चों में सुधार हुआ लेकिन वयस्क होने के पहले वे इससे फिर से ग्रसित हो गए। 

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13.1 फीसद बच्चों की वृद्धि 8 से 15 साल के बीच रुकी 

अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने अपने अध्‍ययन में पाया कि पांच साल तक सामान्य वृद्धि कर रहे बच्चों में से भी 13.1 फीसद बच्चों की वृद्धि 8 से 15 साल के बीच रुक गई। वर्ष 2002 तथा 2016 के बीच भारत, इथोपिया, पेरू और वियतनाम के कुल 7,128 बच्चों को लेकर पांच चरणों में सर्वेक्षण किए गए। इनमें ग्रामीण एवं शहरी तथा गरीब और अमीर सभी तरह के बच्चे शामिल किए गए थे। 

आंध्र प्रदेश के बच्चों पर अध्‍ययन 

सर्वेक्षण में पेरू, इथोपिया और वियतनाम में पूरे देश से जबकि भारत में सिर्फ आंध्र प्रदेश के बच्चों को लिया गया था। इन बच्चों के एक, पांच, आठ, बारह और पंद्रह साल के होने पर उनकी वृद्धि में रुकावट संबंधी आंकड़ों का व्यापक विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिकांश बच्चे कई कारणों से बचपन और प्रारंभिक किशोरावस्था के बीच अपनी उम्र के अनुरूप बढ़ नहीं पाते हैं। 

उम्र के हर पड़ाव में देखी गई समस्या 

अध्‍ययन में भौगोलिक स्तर पर बच्चों में वृद्धि अवरोध, उसमें सुधार तथा दोबारा वृद्धि रुकने की प्रवत्तियों में उल्लेखनीय भिन्नता दिखी। एक साल वाले बच्चों को छोड़कर शेष सभी चरणों में भारतीय बच्चों में वृद्धि में रुकावट का प्रतिशत सबसे अधिक देखा गया है। एक साल के बच्चों में वृद्धि में रुकावट का प्रतिशत इथोपिया में सर्वाधिक 41 प्रतिशत पाया गया, जो भारत में 30 प्रतिशत था। 

वियतनाम के हालात भी चिंताजनक 

शोधकर्ताओं के अनुसार, हालांकि उम्र बढ़ने के साथ साथ वृद्धि अवरोध की समस्या में उल्लेखनीय कमी दिखी। लेकिन भारत में बाकी देशों की तुलना में पांचों चरणों में बच्चों और किशोरों में वृद्धि अवरोध की समस्या लगभग एक जैसी ही रही। भारत में किशोरों में वृद्धि अवरोध सबसे ज्यादा 27 फीसद वहीं वियतनाम में सबसे कम 12.3 प्रतिशत था। इथोपिया को छोड़कर बाकी तीनों देशों में एक वर्षीय बच्चों की तुलना में पांच वर्षीय बच्चों में वृद्धि अवरोध ज्यादा दिखा।

इन वजहों से होती है समस्या 

मैटरनल एण्ड चाइल्ड न्यूटिशन नामक जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर एस.वी. सुब्रमण्यन ने बताया कि बच्चों में वृद्धि अवरोध एक प्रतिवर्ती क्रिया है, जो कई परिस्थितियों जैसे आनुवांशिक, आर्थिक और भौगोलिक पर निर्भर होती है। वैसे तो बच्चे बचपन से लेकर किशोरावस्था तक कभी भी इसके शिकार हो सकते हैं लेकिन अनुकूल परिस्थितियां मिलने पर उनमें सुचारु रुप से पुन: वृद्धि हो सकती है।


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