Move to Jagran APP

भारतीय सेना ने 5 माह इंतजार कर किया बालासोर फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक टैंकभेदी बम का परीक्षण

बालासोर के परीक्षण में सैन्य जवानों ने एक-एक टैंकभेदी बम के लक्ष्य पर पहुंचकर कितने दायरे में जोरदार असर किया इस बारे में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:25 PM (IST)
भारतीय सेना ने 5 माह इंतजार कर किया बालासोर फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक टैंकभेदी बम का परीक्षण
भारतीय सेना ने 5 माह इंतजार कर किया बालासोर फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक टैंकभेदी बम का परीक्षण

जबलपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्‍य प्रदेश के आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) के बने एफएसएपीडीएस (टैंकभेदी बम) के धमाकों से ओडिशा प्रांत की बालासोर फायरिंग रेंज गूंज उठी। ओएफके में बने टैंकभेदी बम का करीब 5 माह इंतजार करने के बाद फायरिंग रेंज में परीक्षण किया गया। 

loksabha election banner

ओएफके प्रशासन 'पास' रिपोर्ट मिलते ही सेना को करेगा आपूर्ति

बालासोर के परीक्षण में सैन्य जवानों ने एक-एक टैंकभेदी बम के लक्ष्य पर पहुंचकर कितने दायरे में जोरदार असर किया, इस बारे में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई। सैन्य अफसरों की इस रिपोर्ट को प्रक्रिया के तहत पूना (महाराष्ट्र) भेज दिया गया। ओएफके प्रशासन को उम्मीद है कि पूना से अत्याधुनिक टैंकभेदी बम पास होने की रिपोर्ट जल्द आएगी। इसके बाद निर्माणी प्रशासन टैंकभेदी बम के कुल तीन हजार नग का लाट सेना के सुपुर्द करेगा। उल्लेखनीय है कि निर्माणी प्रशासन ने मार्च में इन बमों को परीक्षण के लिए बालासोर फायरिंग रेंज भेजा रहा, लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने से बाधा आ गई थी। 

ओएफके का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट 

भारत--रूस के बीच ट्रांसफर ऑफ टेक्नालॉजी (टीओटी) करार के बाद ओएफके में 'मैंगो प्रोजेक्ट' के तहत अत्याधुनिक टैंकभेदी बम बनाए जा रहे हैं। सेना को वर्ष 2018--19 में आयुध निर्माणी बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन सुनील कुमार चौरसिया ने टैंकभेदी बम की पहली खेप भेजी थी, जिसके बाद यह दूसरा मौका होगा। 

लागत 130 करोड़ रुपये  

श्रमिक नेताओं के मुताबिक रशियन तकनीक से टैंकभेदी बम के एक नग की लागत करीब सवा चार लाख रपये है। यानि ओएफके में बनाए गए अत्याधुनिक टैंकभेदी बम के तीन हजार नग की लागत 130 करोड़ रुपये है। 

फ्रांस की प्लेट पर परीक्षण

ओएफके प्रशासन ने बालासोर फायरिंग रेंज में रशियन टैंकभेदी बमों के परीक्षण के लिए फ्रांस से मिश्रित धातुओं से बनाई गई 3 मीटर मोटी, 3 मीटर लंबी, 3 मीटर चौड़ी 8 टन वजनी प्लेट की खरीदी कर भेजी थी। 

ओएफके जबलपुर के महाप्रबंधक रविकांत ने कहा कि बालासोर फायरिंग रेंज में हाल ही में हुए परीक्षण में रशियन टैंकभेदी बम ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। पूना से इन बमों का लाट पास होने की रिपोर्ट आते ही सेना को आपूर्ति की जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.