देश की मदद को तत्पर है भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों का संघ, उपराष्ट्रपति से की ये अपील
अमेरिका के एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फॉसी के बाद अब भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों के संघ (AAPI) ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) से लिखित तौर पर मदद की पेशकश की है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय अमेरिकी फिजिशियन ने भारत सरकार से मदद की पेशकश की है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चपेट में आए भारत की मदद के लिए दुनिया के तमाम देश आगे आए हैं। इस क्रम में अमेरिका के एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फॉसी ने भी भारत को लॉकडाउन, वैक्सीनेशन समेत कई सलाह दिए। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों के संघ (American Association of Physicians of Indian-Origin, AAPI) ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) से लिखित तौर पर आग्रह किया है। करीब हजार डॉक्टरों वाले संघ AAPI ने भारत की मदद के लिए 2.6 मिलियन डॉलर की रकम जमा किया है।
AAPI के शीर्ष डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री से वर्चुअली संपर्क करेगा। सैंकड़ों भारतीय मूल के डॉक्टर भारत में कोविड-19 मरीजों की मदद के लिए तैयार हैं। यह मदद ऑनलाइन मुहैया कराई जाएगी। यह जानकारी AAPI के उपाध्यक्ष रवि कोल्ली ने प्रेट्र को दी। उन्होंने बताया,'कुछ कानूनी प्रक्रिया व लाइसेंस के कारण वर्चुअली संपर्क (tele-health and tele-consultancy) करने में बाधाएं हैं। हम इसके लिए अनुमति चाहते हैं।'
इसके अलावा कैलिफोर्निया व शिकागो से 20-20 डॉक्टरों के दो समूह भारत मे कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जाने को तैयार हैं। उन्होंने भारत के किसी भी हिस्से में जाने के लिए सहमति जताई है। एक सप्ताह से भी कम समय में AAPI ने 2.6 मिलियन डॉलर जमा कर लिए। इसमें वर्जिनिया स्थित रिचमंड के डॉक्टर जगदीश शाह ने सबसे अधिक योगदान दिया है। अब तक AAPI की ओर से भारत को 1,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सहायता भेजी गई है और 1000 कंसंट्रेटर जल्द ही भेजे जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी कुल संक्रमित 2.02 करोड़, ठीक हो चुके मरीजों की संख्या 1.66 करोड़ और मृतकों की संख्या 2,22,408 थी। मरीजों के उबरने की दर 81.91 फीसद और मृत्युदर 1.10 फीसद थी। जबकि, सक्रिय मामले 34.47 लाख थे, जो कुल संक्रमितों का 17 फीसद है।